जयपुर के हाथी गांव के 15 हाथियों ने पारंपरिक राजस्थानी पोशाक पहनकर और करोड़ों रुपये के चांदी जड़ित गहने पहनकर फैशन शो की शुरुआत की। इस शो का नेतृत्व नर हाथी 'बाबू' ने किया, जिसने कुल 62 लाख रुपये के गहने पहने थे।
'बाबू' को राजसी अंदाज में सजाया गया, जिसमें भारी कंठहार, 1.3 किलो चांदी के पाजेब, 22 किलो का शाही हौदा, 2 किलो माथे की सिरी और 1.3 किलो पूंछ की दुमची शामिल थी। उन्होंने अपनी गरिमा और शोभा से सभी दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
15 हाथियों में से अधिकतर हथनियां थीं, जिनमें चंदा, पुष्पा, हेमा, लक्ष्मी, सुमन और अन्य प्रमुख हथनियां शामिल थीं। इन हथिनियों ने भी राजस्थानी पहनावे में सजी धजी होकर रेड कार्पेट पर खूबसूरत रैंप वॉक किया।
कार्यक्रम से पहले सभी हाथियों को नहलाकर पारंपरिक राजस्थानी पोशाक पहनाई गई और गहनों से सजाया गया। महावतों ने भी अपनी पारंपरिक पोशाक में हाथियों के साथ रैंप पर कदम रखा। इस भव्य सजावट ने पूरे समारोह को यादगार बना दिया।
हाथियों ने 50 मीटर लंबा रैंप वॉक किया, जो किसी फैशन शो से कम नहीं था। इस रैंप वॉक को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक और स्थानीय लोग जुटे थे और उन्होंने हाथियों की अदाएं और राजसी चाल का भरपूर आनंद लिया।
विश्व हाथी दिवस के अवसर पर हथिनी 'जोनाली' का 18वां जन्मदिन भी मनाया गया। उसने अपनी सूंड से केक काटा और उपस्थित सभी लोगों ने मिलकर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। यह पल खासतौर पर सभी के लिए भावुक और खूबसूरत था।
फैशन शो के बाद 600 किलो से अधिक फल, गन्ना, गुड़ और ब्रेड से भरी टेबल पर हाथियों को भोजन कराया गया। यह विशेष भोज समारोह हाथियों के प्रति सम्मान और देखभाल का प्रतीक था।
जयपुर के हाथी गांव में निवास करने वाले ये हाथी स्थानीय सांस्कृतिक विरासत के अभिन्न अंग हैं। यह हाथी पर्यटकों को आमेर किले तक ले जाते हैं और समारोहों में अपनी भूमिका निभाते हैं।