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Indian Railways: नीले और लाल कोच में क्या है अंतर? यहां जानिए जवाब

Indian Railways: भारतीय रेलवे देश की सबसे बड़ी परिवहन व्यवस्था है और लाखों लोग रोजाना इससे सफर करते हैं। यात्रा के दौरान आपने ट्रेनों के अलग-अलग रंगों के डिब्बे जरूर देखे होंगे। खासकर नीले और लाल रंग के कोच। क्या कभी सोचा है कि इन रंगों का मतलब क्या होता है?

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 06, 2025 पर 9:43 AM
Indian Railways: नीले और लाल कोच में क्या है अंतर? यहां जानिए जवाब
Indian Railways: सेंट्रल रेलवे की कुछ ट्रेनों में सफेद, नीले और लाल रंग का मेल दिखता है।

भारतीय रेलवे को देश की धड़कन कहा जाए तो गलत नहीं होगा। रोजाना लाखों लोग ट्रेनों में सफर करते हैं और इन सफ़रों से जुड़ी कई बातें लोगों को जानने की इच्छा होती। ऐसी ही एक दिलचस्प बात है रेल के डिब्बों का रंग। आपने भी यात्रा के दौरान कभी नीले तो कभी लाल रंग के कोच देखे होंगे और मन में सवाल आया होगा कि आखिर इन रंगों का राज क्या है। रेलवे के ये रंग सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होते, बल्कि इनके पीछे छिपा होता है एक खास संदेश और तकनीकी कारण। अलग-अलग रंग के डिब्बे यात्रियों को ट्रेन की किस्म और उसकी सुविधाओं के बारे में संकेत देते हैं। यही वजह है कि रेलवे के रंग-बिरंगे डिब्बे अपने आप में एक कहानी समेटे हुए हैं।

नीले रंग के डिब्बे

रेलवे की ट्रेनों में दिखने वाले नीले रंग के कोचों को ICF (Integral Coach Factory) कोच कहा जाता है। इनका निर्माण लोहे से होता है, जिससे ये भारी होते हैं। ये कोच चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में 1952 से बन रहे हैं। इनका इस्तेमाल जनरल, स्लीपर, एसी, डेमू और मेमू ट्रेनों में होता है।

इनकी अधिकतम रफ्तार करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटा है।

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