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Mumbai Rains Alert: मुंबई में आज भी भारी बारिश के आसार, महाराष्ट्र के इन जिलों में रेड अलर्ट जारी, जानें- आपके यहां कैसा रहेगा मौसम

Mumbai Rains Alert: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कुछ घंटों की लगातार बारिश के कारण सोमवार (26 मई) को कई निचले इलाकों में और ट्रेन की पटरियों पर जलभराव हो गया। इसके चलते लोकल ट्रेन सेवाओं के साथ ही शहर के कई इलाकों में ट्रैफिक भी प्रभावित हो गया। भारी बारिश के कारण मध्य रेलवे के मस्जिद, बायकुला, दादर, माटुंगा और बदलापुर रेलवे स्टेशन पर पटरियां जलमग्न हो गईं

अपडेटेड May 27, 2025 पर 9:37 AM
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Mumbai Rains Alert: मंगलवार सुबह होते-होते बारिश की तीव्रता काफी कम हो गई

Mumbai Rains Alert: मुंबईकरों को मंगलवार (27 मई) सुबह लगातार हो रही बारिश से कुछ राहत मिली। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज फिर से बारिश का अलर्ट जारी किया है। हालांकि, मुंबई में रात भर बारिश होती रही। लेकिन सुबह होते-होते इसकी तीव्रता काफी कम हो गई, जिससे लोगों को कुछ राहत मिली। रात भर हुई बारिश के बावजूद शहर में कहीं भी जलभराव की कोई खबर नहीं है। यह यात्रियों के लिए राहत की बात है।

मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवाएं तीनों महत्वपूर्ण लाइनों सेंट्रल, वेस्टर्न और हार्बर पर अपने तय समय पर चल रही हैं। IMD को उम्मीद है कि दिन भर बारिश जारी रहेगी। साथ ही अलग-अलग जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है।

IMD ने सोमवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी सामान्य तारीख से 16 दिन पहले मुंबई पहुंच गया है। 1950 के बाद से पहली बार इसका इतनी जल्दी आगमन हुआ है। मानसून ने शनिवार को केरल में दस्तक दी, जो 2009 के बाद से भारत की मुख्य भूमि पर इतनी जल्दी इसका पहली बार आगमन है। उस साल यह 23 मई को इस राज्य में पहुंचा था।


दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर एक जून तक केरल में प्रवेश करता है, 11 जून तक मुंबई पहुंचता है। जबकि 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से लौट जाता है।

IMD के मुंबई कार्यालय के अनुसार, 1950 से उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि मुंबई में मानसून का इतना जल्दी पहली बार आगमन हुआ है। पिछले साल मानसून 25 जून को मुंबई पहुंचा था। इससे पहले के वर्षों में यह 2022 में 11 जून, 2021 में 9 जून, 2020 में 14 जून और 2019 में 25 जून को पहुंचा था। 2020 में इसका आगमन 14 जून को हुआ था, जबकि 2021 में यह 9 जून को पहुंचा था।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून के आगमन की तारीख का कुल मौसमी बारिश से कोई सीधा संबंध नहीं है। केरल या मुंबई में जल्दी या देर से आने वाले मानसून का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी जल्द पहुंच जाएगा। यह बड़े पैमाने पर परिवर्तनशीलता और वैश्विक, क्षेत्रीय एवं स्थानीय विशेषताओं पर निर्भर करता है।

अप्रैल में IMD ने 2025 के मानसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान किया था। इसमें अल नीनो की स्थिति की संभावना को खारिज कर दिया गया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी हुई है। आईएमडी ने कहा कि 96 प्रतिशत और 104 प्रतिशत के बीच बारिश को सामान्य माना जाता है।

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भारत में 2024 में 934.8 मिलीमीटर बारिश हुई, जो औसत से 108 प्रतिशत अधिक है। 2023 में 820 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो औसत से 94.4 प्रतिशत अधिक है। IMD के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 925 मिमी, 2021 में 870 मिमी और 2020 में 958 मिमी बारिश हुई थी।

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