शादी के माहौल में जहां हर कोई खुशियों में डूबा हुआ था, वहीं प्रयागराज के मेजा इलाके में एक अनोखा मोड़ तब आ गया जब दुल्हन ने अंतिम क्षणों में वरमाला डालने से साफ मना कर दिया। पहली नजर में ये सब एक हल्की तकरार या रस्मों की मस्ती का हिस्सा लगा, लेकिन कुछ ही मिनटों में स्थिति पूरी तरह बदल गई। लोग सोच भी नहीं पाए थे कि एक साधारण-सा सवाल पूरे आयोजन को उलट-पुलट कर देगा। स्टेज पर खड़े दूल्हे से जब मजाकिया लहजे में जन्मतिथि पूछी गई और जवाब मिला "2025", तो सब हैरान रह गए। ये जवाब मजाक नहीं, बल्कि गंभीर संदेह का कारण बन गया।
दुल्हन ने चुप रहने के बजाय अपने आत्मसम्मान और भविष्य को प्राथमिकता दी और शादी से इनकार कर दिया। इस साहसी कदम ने न सिर्फ समारोह की रफ्तार रोकी, बल्कि समाज में सोचने पर मजबूर कर दिया कि सिर्फ धूमधाम काफी नहीं होती, समझदारी भी बेहद ज़रूरी होती है।
समझाने-बुझाने की कोशिशें नाकाम
दूल्हे की ओर से और घरवालों की तरफ से काफी मान-मनौअल की कोशिशें हुईं। रिश्तेदारों ने भी स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन दुल्हन अपने फैसले पर अडिग रही। उसका कहना था कि उसे एक ऐसा जीवनसाथी चाहिए जो समझदार हो, और दूल्हे की हरकतें उसे बेहद असमंजस में डाल रही थीं।
दुल्हन के भाई का बयान: दहेज की भी थी मांग
दुल्हन के भाई ने खुलासा किया कि वो सात भाइयों की अकेली बहन है, और इस शादी में उन्होंने दहेज में बाइक और अन्य चीजों समेत 11 लाख रुपये खर्च किए थे। लेकिन दूल्हे के पिता लगातार दहेज में और भी मांग कर रहे थे, जिससे परिवार पहले ही परेशान था। अब जब दूल्हा खुद न मोबाइल चला पा रहा है, न बाइक, और जन्मतिथि भी सही नहीं बता पा रहा, तो उन्हें यह रिश्ता मंजूर नहीं।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद बारात को बिना दुल्हन के लौटना पड़ा। गांव में ये शादी अब एक दिलचस्प चर्चा बन चुकी है। कुछ लोग दुल्हन की हिम्मत की सराहना कर रहे हैं, तो कुछ इसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बता रहे हैं।