इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बलात्कार के आरोपी एक व्यक्ति को ये कह कर जमानत दे दी कि पीड़िता एक वयस्क और पढ़ी लिखी होने के नाते, अपने लिए "मुसीबत मोल ले रही थी"। जस्टिस संजय कुमार सिंह ने निश्चल चांडक को जमानत देते हुए टिप्पणी की कि अगर महिला के आरोपों को सही मान भी लिया जाए, तो भी यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि घटना के लिए वह खुद भी जिम्मेदार है। जज ने इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया कि वह एक पोस्ट ग्रेजुएट छात्रा है, जिसका कोर्ट के अनुसार मतलब यह था कि वह "अपने कृत्य की नैतिकता और महत्व को समझने में सक्षम थी।"