छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से एक ऐसी खौफनाक घटना सामने आई है, जिसने लोगों की रूह तक कंपा दी। आमतौर पर जब दो सांप आपस में भिड़ते हैं, तो इंसानों को उससे कोई लेना-देना नहीं होता, लेकिन इस बार हालात कुछ और थे। दो सांपों की जानलेवा लड़ाई के बीच एक बेबस शख्स की जान चली गई, जिसने कभी सोचा भी नहीं होगा कि नींद के आगोश में जाना उसकी आखिरी रात बन जाएगी। ये दर्दनाक हादसा ना सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि मानसून के मौसम में सांपों की सक्रियता और जमीन पर सोने की आदतों पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
जहरीला करैत और बेकसूर इंसान, दोनों की राहें ऐसे टकराईं कि नतीजा मौत में बदल गया। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रकृति की छोटी-छोटी अनदेखी भी इंसानी जीवन के लिए घातक बन सकती है। ये केवल हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है—सावधान रहने की।
मानसून में सांपों की हलचल और एक खतरनाक रात
घटना सरगुजा संभाग के पत्थलगांव के दीवानपुर गांव की है, जो जंगली क्षेत्र है। मानसून के दौरान यहां सांपों की सक्रियता बढ़ जाती है। 40 वर्षीय लोचन राम मांझी रोज की तरह घर में जमीन पर बिस्तर लगाकर सो रहे थे, तभी रात को दो सांप घर के अंदर घुस आए।
शिकार बना कॉमन वुल्फ, शिकारी था करैत
इन दो सांपों में से एक था बेहद जहरीला कॉमन करैत, जबकि दूसरा था कॉमन वुल्फ स्नेक, जो जहरीला नहीं होता। जानकारों के मुताबिक, करैत सांप रात में सक्रिय रहता है और दूसरे छोटे सांपों को भी अपना शिकार बना लेता है। ऐसा ही कुछ इस रात भी हुआ—करैत वुल्फ स्नेक को खाने के इरादे से उसका पीछा कर रहा था।
बिस्तर के नीचे छिपा शिकार, और गलतफहमी में काटा इंसान
जान बचाने के लिए कॉमन वुल्फ सांप सीधे लोचन राम के बिस्तर के नीचे जा छिपा। करैत भी पीछा करते हुए वहां जा पहुंचा। इसी अफरा-तफरी में करैत ने गलती से लोचन राम को डस लिया, जिसे वो वुल्फ स्नेक समझ रहा था। परिवार वालों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन जहर फैलने की वजह से उनकी मौत हो गई।
बिस्तर हटाया, तो दोनों सांप मिले नीचे
घटना के बाद जब बिस्तर हटाया गया, तो वहां दोनों सांप मौजूद मिले। यहीं से पूरी घटना का खुलासा हुआ। परिजनों ने गुस्से में आकर दोनों सांपों को मार डाला।