सदियों पुरानी बंदिशों ने अफगानिस्तान की महिलाओं को हमेशा पीछे ही रखा। और अब वही बंदिशें उनकी जिंदगी पर सबसे भारी पड़ रही हैं। भूकंप और उसके बाद आए झटकों ने हजारों घरों को मिट्टी में मिला दिया, कम से कम 2,200 लोगों की जान चली गई। लेकिन उससे भी ज्यादा दुख की बात ये है कि इस भयावह आपदा में जिंदा बचीं औरतों का पहले रेस्क्यू ही नहीं किया जा रहा और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है।