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नोबेल शांति पुरस्कार के लिए किया था सपोर्ट! इसलिए पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर से मिले ट्रंप

Asim Munir-Donald Trump News: आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने यह दावा किया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केली ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने जनरल मुनीर को इसलिए मिलने बुलाया क्योंकि उन्होंने उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश की है

अपडेटेड Jun 19, 2025 पर 8:50 AM
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Asim Munir-Donald Trump News: आसिम मुनीर से मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं

Asim Munir-Donald Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से मिलकर 'सम्मानित महसूस' हुआ। उन्होंने भारत के साथ युद्ध में शामिल न होने के लिए जनरल का आभार भी व्यक्त किया। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (18 जून) को व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर की मेजबानी की। पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर की ट्रंप से यह मुलाकात भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के कुछ सप्ताह बाद हुई है।

मुनीर से मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा, "मैंने उन्हें यहां इसलिए बुलाया था क्योंकि मैं युद्ध में शामिल न होने और युद्ध को समाप्त करने के लिए उनका धन्यवाद करना चाहता था। प्रधानमंत्री मोदी कुछ समय पहले ही यहां से गए हैं और हम भारत के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।"

ट्रंप ने आगे कहा, "हम पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं... मैं बहुत खुश हूं। दो चतुर लोगों, दो बहुत चतुर लोगों ने युद्ध जारी न रखने का फैसला किया। वे दो बड़ी परमाणु शक्तियां हैं। मुझे आज उनसे मिलकर सम्मानित महसूस हुआ।"


नोबेल के लिए दिया न्योता?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने यह दावा किया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केली ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने जनरल मुनीर को इसलिए मिलने बुलाया क्योंकि उन्होंने उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी जनरल ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कही थी।

ईरान-इजरायल युद्ध में पाकिस्तान का साथ चाहता है अमेरिका?

ट्रंप-मुनीर की बंद कमरे में हुई बैठक इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई। इसमें ट्रंप वाशिंगटन की संभावित भागीदारी पर विचार कर रहे हैं। इस्लामाबाद तेहरान के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के लिए जाना जाता है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मुनीर ने व्हाइट हाउस में लंच पर राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की। यह तुरंत पता नहीं चल पाया कि ट्रंप और पाकिस्तान के फील्ड मार्शल मुनीर के बीच बैठक में क्या बात हुई।

ट्रंप, इजरायल-ईरान संघर्ष के कारण पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने के बीच जी7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा के कनैनिस्किस की अपनी यात्रा को बीच में ही छोड़कर मंगलवार सुबह वाशिंगटन लौट आए। इससे पहले एक आधिकारिक परामर्श में कहा गया था कि ट्रंप दोपहर एक बजे व्हाइट हाउस के कैबिनेट कक्ष में पाकिस्तानी सेना प्रमुख की लंच पर मेजबानी करेंगे।

मुनीर को यह निमंत्रण अमेरिका द्वारा किसी सेवारत पाकिस्तानी सेना प्रमुख को दिया गया एक दुर्लभ संकेत माना जा रहा है। अयूब खान, जिया उल-हक और परवेज मुशर्रफ जैसे पाकिस्तानी सेना प्रमुखों को इस तरह के निमंत्रण मिलने के कई उदाहरण हैं, लेकिन वे राष्ट्रपति के पद पर भी थे।

भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और इसके अवैध कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हुए छह मई की देर रात 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच चार दिन तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं। नई दिल्ली का कहना है कि उस दिन भारत के भीषण जवाबी हमले के कारण पाकिस्तान को शत्रुता समाप्त करने की गुहार लगानी पड़ी।

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मुनीर को पिछले महीने पाकिस्तान सरकार ने फील्ड मार्शल रैंक पर प्रमोट किया था। 1959 में अयूब खान के बाद सेना के किसी अधिकारी को पहली बार यह दर्जा दिया गया है। उन्होंने सोमवार शाम को पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए इस बात को खारिज कर दिया कि पहलगाम में आतंकवादी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था।

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