Credit Cards

अरे... पेंगुइन वाले आइलैंड ही नहीं, ट्रंप ने तो US मिलिट्री बेस पर भी लगा दिया टैरिफ!

ये चौंकाने वाला इसलिए है, क्योंकि डिएगो गार्सिया मिलिट्री बेस होम है। CNN के अनुसार, BIOT में कोई नागरिक आबादी नहीं है, लेकिन डिएगो गार्सिया पर लगभग 3,000 अमेरिकी और ब्रिटिश सैन्यकर्मी तैनात हैं। हिंद महासागर में स्थित यह सुदूर द्वीप हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के मिलिट्री ऑपरेशन को सपोर्ट देता है

अपडेटेड Apr 04, 2025 पर 2:10 PM
Story continues below Advertisement
US Tariff: पेंगुइन वाले आइलैंड ही नहीं, ट्रंप ने तो US मिलिट्री बेस पर भी लगा दिया टैरिफ!

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ लिस्ट में दुनिया के लगभग हर देश को शामिल किया गया है, जिनमें कुछ दूरदराज के द्वीप भी शामिल हैं, वो भी ऐसे जहां खुद अमेरिका के सैन्य अड्डे हैं। ये नए टैरिफ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगहों जैसे कि हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया और प्रशांत महासागर में क्वाजालीन एटोल तक लगाए गए हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं। टैरिफ लिस्ट में एक चौंकाने वाला नाम शामिल हुआ- ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र (BIOT)।

चौंकाने वाला इसलिए क्योंकि यह डिएगो गार्सिया मिलिट्री बेस का घर है। CNN के अनुसार, BIOT में कोई नागरिक आबादी नहीं है, लेकिन डिएगो गार्सिया पर लगभग 3,000 अमेरिकी और ब्रिटिश सैन्यकर्मी तैनात हैं। हिंद महासागर में स्थित यह सुदूर द्वीप हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के मिलिट्री ऑपरेशन को सपोर्ट देता है।

कोई एक्सपोर्ट नहीं फिर भी 10% टैरिफ!


उससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि इस इलाके में कोई एक्सपोर्ट नहीं है और यह अभी भी जनता की पहुंच से बाहर है, फिर भी ट्रंप का 10 प्रतिशत टैरिफ अब इस पर लागू है।

इस बेस को अमेरिका ब्रिटेन के साथ मिलकर चलाता है और इसे एशिया और मध्य पूर्व में ऑपरेशन के लिए एक अहम लॉन्चपैड के रूप में देखा जाता है।

BIOT, जिसमें चागोस द्वीपसमूह शामिल है, लंबे समय से यूनाइटेड किंगडम (UK) और मॉरीशस के बीच क्षेत्रीय विवाद का केंद्र रहा है। 1960 और 70 के दशक में मिलिट्री बेस बनाने के लिए सभी चागोसियन नागरिकों को वहां से हटा दिया गया था और केवल सिक्योरिटी और सपोर्टिंग स्टाफ ही वहां रह गए थे।

AP की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सैटेलाइट से मिली तस्वीरों से पता चला है कि डिएगो गार्सिया पर कम से कम छह अमेरिकी न्यूक्लियर-कैपेबल B-2 बॉम्बर विमान तैनात हैं, जो पूरी अमेरिकी B-2 फ्लीट का एक अहम हिस्सा है। 26 मार्च को प्लैनेट लैब्स की ओर से ली गई तस्वीरों में तीन बॉम्बर विमान द्वीप के टरमैक पर खड़े दिखाई दिए।

क्वाजालीन

इस टैरिफ जाल में फंसा एक और अमेरिकी सैन्य केंद्र मार्शल द्वीप था। मुक्त समझौते के तहत एक करीबी पार्टनर होने के बावजूद, जिसने अपनी सुरक्षा का प्रभार वाशिंगटन को सौंपा हुआ है, प्रशांत क्षेत्र के इस देश को अब अमेरिका को अपने एक्सपोर्ट पर 10 प्रतिशत टैक्स देना पड़ेगा। CNN के अनुसार, इसमें क्वाजालीन से आए सामान भी शामिल हैं, जहां अमेरिकी सेना की गैरिसन बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग और टेस्टिंग फैसिलिटी ऑपरेट करती है।

हालांकि, न्यूजवीक ने आर्थिक युद्ध विशेषज्ञ और सरे यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एरिक गोल्सन के हवाले से कहा, "इन टैरिफ का ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र और चागोस द्वीप समूह पर कोई व्यावहारिक असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि विदेशी सैन्य ठिकानों को टैरिफ से छूट दी गई है।"

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टैरिफ की घोषणा की, जिसे उन्होंने "लिबरल डे" ​​कहा, और इसे "पारस्परिक व्यापार" को बहाल करने का एक तरीका बताया।

सभी ट्रेड पार्टनर्स पर कम से कम 10 प्रतिशत टैरिफ के अलावा, ट्रंप प्रशासन की लिस्ट में सब-अंटार्कटिक हिंद महासागर में बर्फ से ढके हर्ड और मैकडोनाल्ड द्वीप भी शामिल थे, जहां एक भी इंसान नहीं रहता है।

एक्सियोस ने व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि इन द्वीपों को इसलिए शामिल किया गया, क्योंकि वे आस्ट्रेलियाई के बाहरी इलाके हैं।

एक ही दिन में 500 अमीरों के ₹17.73 लाख करोड़ साफ, अमेरिकी टैरिफ की आंच में बुरी तरह झुलसी दौलत

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।