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ऑटो इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर, चीन ने दुर्लभ खनिजों के लिए कुछ निर्यात आवेदन किए मंजूर; क्या ट्रंप-शी की बातचीत का है नतीजा

चीन का महत्वपूर्ण खनिज उद्योग में दबदबा है। पृथ्वी के दुर्लभ खनिजों के पूरी दुनिया में उत्पादन का लगभग 90% चीन में होता है। रेयर अर्थ्स को लेकर चीन के अलावा विकल्प बहुत कम हैं। चीन के निर्यात प्रतिबंध से ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स, एयरोस्पेस सेक्टर के मैन्युफैक्चरर्स, सेमीकंडक्टर कंपनियों और सैन्य ठेकेदारों की सप्लाई चेन बाधित हो गईं

अपडेटेड Jun 08, 2025 पर 4:28 PM
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चीन ने इस साल अप्रैल में पृथ्वी के 7 दुर्लभ खनिजों और उनसे जुड़े मैग्नेट्स के निर्यात को सस्पेंड कर दिया और विशेष निर्यात लाइसेंस अनिवार्य कर दिए।

चीन ने पृथ्वी के दुर्लभ खनिजों यानि रेयर अर्थ मेटल्स के मामले में कुछ निर्यात लाइसेंस आवेदनों को शनिवार को मंजूरी दे दी। ये मेटल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर, मोबाइल फोन और कई अन्य उद्योगों में मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले अहम कंपोनेंट हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चीन के वाणिज्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने क​हा है कि मीडियम और हैवी रेयर अर्थ मेटल्स की बढ़ती वैश्विक मांग को देखते हुए यह मंजूरी दी गई है।

प्रवक्ता ने कहा कि दुर्लभ खनिजों से जुड़े सामानों का सैन्य और असैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होता है। हालांकि यह भी कहा कि ऐसी चीजों के निर्यात पर नियंत्रण लगाना इंटरनेशनल प्रैक्टिस के अनुरूप है। इन नियंत्रणों का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा करना और परमाणु अप्रसार (Non-proliferation) के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करना है। यह विश्व शांति और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति चीन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रवक्ता ने कहा कि चीन व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए संबंधित देशों के साथ निर्यात नियंत्रण पर बातचीत और कम्युनिकेशन बढ़ाने के लिए तैयार है।

कहीं ट्रंप-शी की फोन कॉल का नतीजा तो नहीं है यह ढील


चीन की ओर से दी गई यह ढील राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बातचीत का नतीजा भी हो सकती है। अमेरिका और चीन के ​बीच ट्रेड को लेकर चल रहे तनाव के बीच 5 जून को ट्रंप और जिनपिंग के बीच फोन पर बातचीत हुई। यह फोन कॉल 90 मिनट तक चली और ट्रंप का कहना है कि बहुत सकारात्मक निष्कर्ष निकला। कॉल खत्म होने के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा था कि दोनों लीडर्स ने हाल की कुछ पेचीदगियों पर चर्चा की और ट्रेड डील के लिए सहमत हुए। इस दौरान पृथ्वी के दुर्लभ एलिमेंट्स के निर्यात के मसले पर भी बात हुई। अमेरिका और चीन के ​बीच ट्रेड के मसले पर नया और पुख्ता हल निकालने के लिए दोनों देशों की टीम्स 9 जून को लंदन में मिलेंगी।

अप्रैल में चीन ने रोक दिया था रेयर अर्थ्स का निर्यात

चीन ने इस साल अप्रैल में पृथ्वी के 7 दुर्लभ खनिजों और उनसे जुड़े मैग्नेट्स के निर्यात को सस्पेंड कर दिया और विशेष निर्यात लाइसेंस अनिवार्य कर दिए। इससे ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स, एयरोस्पेस सेक्टर के मैन्युफैक्चरर्स, सेमीकंडक्टर कंपनियों और सैन्य ठेकेदारों की सप्लाई चेन बाधित हो गईं। यूरोप में ऑटो पार्ट्स बनाने वाले कुछ कारखानों ने प्रोडक्शन रोक दिया। जापान में सुजुकी मोटर ने अपनी स्विफ्ट कार का उत्पादन रोक दिया। कई अन्य कार कंपनियों ने भी ​सप्लाई नेटवर्क में बाधा की बात करते हुए प्रोडक्शन को लेकर चिंता जताई।

रेयर अर्थ्स पर चीन की ओर से यह घोषणा अप्रैल में उस वक्त की गई थी, जब अमेरिका की ओर से चीन पर नए अतिरिक्त रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए गए थे। इसके बाद दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड को लेकर टेंशन बढ़ गया। 12 मई को स्विट्जरलैंड के जेनेवा में हुए समझौते के तहत अमेरिका ने चीन के सामानों के लिए 2 अप्रैल को घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ के मामले में 90 दिनों के लिए दर को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने की सहमति जताई। वहीं चीन ने भी 90 दिनों के लिए अमेरिकी सामान पर टैरिफ को घटाकर 10 प्रतिशत करने की हामी भरी। लेकिन इसके बाद भी तनाव कम नहीं हुआ और दोनों देशों की ओर से एक दूसरे पर समझौते के उल्लंघन के आरोप लगे। उम्मीद है कि अब 9 जून को लंदन में होने वाली मीटिंग में कोई पुख्ता हल निकलेगा।

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कितने काम के हैं रेयर अर्थ्स और चीन में कितना उत्पादन

रेयर अर्थ्स का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक मोटर्स, गाड़ियों के इंजन, बैटरियों और कई डिफेंस सिस्टम्स में होता है। इनके बिना ईवी और हाई-टेक ऑटोमोबाइल्स बनाना मुश्किल है। चीन का महत्वपूर्ण खनिज उद्योग में दबदबा है। पृथ्वी के दुर्लभ खनिजों के पूरी दुनिया में उत्पादन का लगभग 90% चीन में होता है। रेयर अर्थ्स को लेकर चीन के अलावा विकल्प बहुत कम हैं।

भारत में व्हीकल इंडस्ट्री ने सरकार से मांगी मदद

इस बीच खबर है कि व्हीकल इंडस्ट्री ने पैसेंजर कारों सहित विभिन्न एप्लीकेशंस में इस्तेमाल होने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट्स के आयात के लिए चीन की सरकार से मंजूरी में तेजी लाने के लिए सरकार से मदद मांगी है। विभिन्न घरेलू सप्लायर्स ने पहले ही चीन में अपने स्थानीय विक्रेताओं के माध्यम से चीनी सरकार से मंजूरी मांगी है।

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