Anti Immigration Protest : सेंट्रल लंदन में शनिवार को 1 लाख से ज्यादा लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रोटेस्ट को 'यूनाइट द किंगडम' नाम दिया गया, जिसे एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन ने लीड किया। इसे ब्रिटेन की सबसे बड़ी दक्षिणपंथी रैली माना जा रहा है। हालांकि, रैली के दौरान तब हिंसा भड़क गई, जब रॉबिन्सन समर्थकों का एक समूह पुलिस और काउंटर-प्रोटेस्टर्स से भिड़ गया। पुलिस पर बोतलें फेंकी गईं, कई अफसरों को मुक्के और लात मारी गई। हालात बिगड़ने पर दंगा-रोधी दस्ते को तैनात करना पड़ा। इस झड़प में 26 लोग घायल हैं।
बता दें कि शनिवार को सेंट्रल लंदन में 1 लाख से ज़्यादा लोगों ने बड़ा मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथों में इंग्लैंड और ब्रिटेन के झंडे थे और उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन ने "यूनाइट द किंगडम" नाम से यह मार्च आयोजित किया था, जो व्हाइटहॉल तक गया। व्हाइटहॉल वही इलाका है जहां प्रधानमंत्री और कई सरकारी दफ्तर मौजूद हैं। लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि इस मार्च में करीब 1,10,000 लोग शामिल हुए थे।
कौन हैं एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन
रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफ़न याक्सली-लेनन है। वह खुद को सरकारी करप्शन को उजागर करने वाला पत्रकार बताते हैं। हालांकि, उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, ब्रिटेन की सबसे बड़ी आप्रवासी-विरोधी राजनीतिक पार्टी रिफॉर्म यूके ने रॉबिन्सन से दूरी बनाई हुई है। रिफॉर्म यूके को महीनों में ओपिनियन पोल में अच्छी बढ़त मिली है। इसके जवाब में, संगठन "स्टैंड अप टू रेसिज़्म" ने भी व्हाइटहॉल के दूसरे छोर पर एक विरोध प्रदर्शन किया। इसमें करीब 5,000 लोग शामिल हुए। पुलिस का कहना था कि इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी और यह रैली "व्हाइटहॉल की क्षमता से कहीं ज्यादा बड़ी" साबित हुई।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश कर रही पुलिस को हिंसा का सामना भी करना पड़ा। अधिकारियों पर लात-घूंसे मारे गए और उनके ऊपर बोतलें, फ्लेयर्स और अन्य सामान फेंके गए।
लंदन में हुए विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी अहम बातें
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