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Sushila Karki : 'जैसे कुर्सी पर बिठाया है, वैसे हटा भी सकते हैं', सुशीला कार्की के इस फैसले से भड़क गए Gen Z

Sushila Karki : प्रधानमंत्री आवास के बाहर जुटे सुदन गुरुंग के समर्थकों ने ओम प्रकाश आर्यल को गृह मंत्री बनाए जाने पर जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि इतने अहम पद पर किसी "बाहरी सूत्रधार" को क्यों बैठाया गया

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 15, 2025 पर 7:34 PM
Sushila Karki : 'जैसे कुर्सी पर बिठाया है, वैसे हटा भी सकते हैं', सुशीला कार्की के इस फैसले से भड़क गए Gen Z
Sushila Karki News: सुशीला कार्की ने अंतरिम पीएम के रूप में कार्यभार संभाल लिया है।

नेपाल में Gen Z आंदोलनकारियों ने तख्तापलट कर दिया है। यहां प्रदर्शन खत्म होने के बाद चुनी हुई नेता के तौर पर सुशीला कार्की का नाम सामने आया और वो अंतरिम प्रधानमंत्री बनी। वहीं जैसे ही सुशीला कार्की ने प्रधानमंत्री का पद संभाला, अब Gen Z प्रदर्शनकारी उनसे भी नाराज हो गए। इस आंदोलन का प्रमुख चेहरा बने सामाजिक कार्यकर्ता सुदन गुरुंग ने बड़ी मांग की है सुदन गुरुंग के नेतृत्व वाला एक युवा समूह रविवार को अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के बलुवतार स्थित आवास के बाहर देर रात तक प्रदर्शन करता रहाप्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि मंत्रिमंडल का गठन मनमाने तरीके से किया गया है और उन्होंने कार्की से इस्तीफे की मांग की। खासतौर पर उन्होंने ओम प्रकाश आर्यल को गृह मंत्री बनाए जाने का विरोध किया।

इस मामले पर छिड़ा विवाद 

रविवार रात प्रधानमंत्री आवास के बाहर जुटे  सुदन गुरुंग  के समर्थकों ने ओम प्रकाश आर्यल को गृह मंत्री बनाए जाने पर जमकर नारेबाज की। उनका कहना था कि इतने अहम पद पर किसी "बाहरी सूत्रधार" को क्यों बैठाया गया। सूत्रों के मुताबिक, ग्रुप ने चेतावनी दी कि मौजूदा आंदोलन को रास्ते से भटकाया जा रहा है और अपील की कि कोई भी इसे अपने हित में इस्तेमालकरे सूडान गुरुंग ने अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की को सीधे संदेश देते हुए कहा, "आपको प्रधानमंत्री बनाने में हमारा ही हाथ था, और अगर हालात ऐसे ही रहे तो आपको हटाने की ताक़त भी हमारे पास है।"

पिछले शुक्रवार को सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं। यह फैसला उस समय आया जब सोशल मीडिया बैन के खिलाफ देशभर में भड़के आंदोलन के चलते के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और कई दिनों से जारी राजनीतिक अनिश्चितता खत्म हुई। कार्की का चयन राष्ट्रपति पौडेल, सेना के शीर्ष अधिकारियों और सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे युवाओं के बीच हुई बैठक के बाद किया गया।

GEN-Z आंदोलनकारियों की मुख्य मागें थींभ्रष्टाचार पर रोक, राजनीतिक अव्यवस्था का अंत और भाई-भतीजावाद से छुटकारा। सोशल मीडिया पर लगाए गए बैन के खिलाफ छात्रों द्वारा शुरू हुआ यह विरोध जल्द ही बड़े अभियान में बदल गया। इसने ओली सरकार और राजनीतिक नेताओं के खिलाफ जनता के गुस्से को उजागर किया, जिन पर आरोप था कि वे भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और आम लोगों की परेशानियों से बेखबर हैं।

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