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Pakistan economy: पाकिस्तान अगर लड़ाई जारी रखता है तो वह बहुत जल्द दिवालिया हो जाएगा

India pakistan war News: पाकिस्तान की इकोनॉमी बीते 2-3 सालों से IMF और World Bank की मदद से चल रही है। पाकिस्तान सरकार के पास देश को चलाने के लिए पैसे नहीं रह गए हैं। वह वैश्विक एजेंसियों से एक लोन मिलने के बाद दूसरे लोन के लिए कोशिश शुरू कर देता है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड May 09, 2025 पर 12:40 PM
Pakistan economy: पाकिस्तान अगर लड़ाई जारी रखता है तो वह बहुत जल्द दिवालिया हो जाएगा
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अप्रैल में 15.8 अरब डॉलर था। यह सिर्फ दो महीनों के आयात के लिए पर्याप्त है।

पाकिस्तान को इंडिया के खिलाप युद्ध की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी? दोनों देशों के बीच हमलों और जवाबी हमलों के बाद पूर्ण युद्ध शुरू होने के आसार बढ़ रहे हैं। उधर, पाकिस्तान की इकोनॉमी पहले से संकट में है। वर्ल्ड बैंक के अनुमान की मानें तो 2023-2024 में पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 2.5 फीसदी रही। आईएमएफ का मानना है कि 2024-2025 में ग्रोथ 2.6 फीसदी रह सकती है। पाकिस्तान में 2023 में इनफ्लेशन 38 फीसदी पर पहुंच गया था, जो घटकर 6 फीसदी पर आ गया है। इसके बावजूद लोगों को अब भी कई चीजों के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।

सिर्फ 2 महीनों के आयात के लिए विदेशी मुद्रा भंडार

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) अप्रैल में 15.8 अरब डॉलर था। यह सिर्फ दो महीनों के आयात के लिए पर्याप्त है। IMF के मुताबिक, किसी देश का विदेशी मुद्रा भंडार कम से कम तीन महीनों के आयात के लिए पर्याप्त होना चाहिए। पाकिस्तान पर 131 अरब डॉलर का कर्ज है। इसमें से 22 अरब डॉलर का भुगतान FY25 में करना है। यह बात ध्यान में रखने वाली है कि पाकिस्तान में सरकार का फाइनेंशियल ईयर 1 जुलाई को शुरू होता है और 30 जून को खत्म होता है।

IMF-World Bank की मदद पर इकोनॉमी निर्भर

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