पिछले कुछ सालों में फ्रांस की राजनीति में न केवल नीतिगत बहसें और सामाजिक तनाव दिखाई दिए हैं, बल्कि कई बड़ी और चौंकाने वाली अफवाहें भी उभर कर सामने आई हैं। ऐसी ही फ्रांस के दक्षिणपंथी लोगों के बीच इंटरनेट पर एक अजीब और बेहद आपत्तिजनक अफवाह तेजी से फैल रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पत्नी ब्रिगिट मैक्रों एक ट्रांसजेंडर महिला हैं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि वे एक आदमी थीं, जो जेंडर जेंच करा कर महिला बनीं और उनका असली जीन-मिशेल ट्रोग्नेक्स था।
हालांकि यह थ्योरी पूरी तरह से झूठी है और इसे बार-बार खारिज किया जा चुका है, लेकिन वो कहते हैं न कि झूठ इतनी बार बोलो कि वो सच लगने लगे, कुछ ऐसा ही इस मामले में भी हुआ और अब ये अफवाह आग की तरह फैल चुकी है, जिससे फ्रांस की फर्स्ट लेडी सुर्खियों में आ गई हैं और खुद फ्रांस के राष्ट्रपति को इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि इस निराधार दावे ने "ट्रांसइन्वेस्टिगेशन" नाम के एक बड़े ऑनलाइन आंदोलन को जन्म दिया है। ये एक बड़ी और नामचीन हस्तियों की लाइफ स्टाइल और बायोग्राफी के आधार पर उनके कथिक 'असली लिंग' को 'उजागर' करनी के ऑनलाइन प्रथा है।
इस अफवाह ने 2021 के आखिर में जोर पकड़ना शुरू कर दिया, जब नताशा रे नाम की एक फ्रेंच महिला, जो खुद को एक स्वतंत्र पत्रकार बताती हैं, उन्होंने एक लंबा लेख लिखा, जिसमें आरोप लगाया गया कि ब्रिगिट मैक्रों जन्म से महिला नहीं हैं। इस लेख में कई काल्पनिक तस्वीरें, अजीबों गरीब अनुमान और ब्रिगिट की बायोग्राफी में खामियों से भरा था।
इसमें दावा किया गया कि उन्होंने 1980 के दशक में जेंडर चेंज कराया और ब्रिगिट बनीं। रे ने दावा किया था कि उन्होंने इस पर 3 साल रिसर्च किया लेकिन कोई सबूत खोज नहीं पाईं। उन्होंने ब्रिगिट के किसी भी स्कूल रिकॉर्ड के न होने का दावा किया और कहा कि जीन-मिशेल और ब्रिगिट एक ही शख्स हैं और यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा राजनीतिक घोटाला है।
यहीं से ये विवाद शुरू हुआ और अब अमेरिकन पत्रकार कैंडेस ओवेन्स इसे हवा दी है। ओवेन्स ने अपनी पॉडकास्ट सीरीज Becoming Brigitte में दावा किया है, फ्रेंच प्रेसिडेंट की 72 साल की पत्नी ब्रिगिट मैक्रों पहले पुरुष थीं।
असल में दावा ये किया गया कि ब्रिगिट मैक्रों के जन्म का नाम "जीन-मिशेल ट्रोग्नेक्स" था और बाद में वे जेंडर बदलवाकर एक महिला बने। साथ ही ये भी दावा किया गया राष्ट्रपति मैक्रों की छवि को बचाने के लिए फ्रांस के पावरफुल वर्ग ने इसे छुपाया।
यह थ्योरी फ्रांस में बड़ी ही चालाकी के साथ फैलाई गई, जिसमें सत्ता-विरोधी सोच, LGBTQ+ विरोधी विचारों और मेन स्ट्रीम मीडिया के प्रति गहरे अविश्वास को मिलाकर एक नई थ्योरी बना कर पेश किया गया।
इस थ्योरी को फ्रांस फार राइट ब्लॉगर्स और वर्ग ने एक बड़ा मुद्दा बना लिया और आखिरकार इतना वायरल हो गया कि #JeanMichelTrogneux जैसे हैशटैग फ्रांस में X पर ट्रेंड करने लगा।
दिसंबर 2021 में, ब्रिगिट मैक्रों ने इस अफवाह को फैलाने वाले व्यक्तियों और आउटलेट्स के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। कोर्ट ने सितंबर 2023 में आरोपियों को दोषी ठहराया था और उन्हें हर्जाना देने को कहा गया था। हालांकि, पेरिस की एक अपील अदालत ने 10 जुलाई को इस फैसले को पलट दिया था। अब ब्रिगिट इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर चुकी हैं।
फर्स्ट लेडी ने पर्सनल अटैक पर कुछ भी कहने से काफी हद तक परहेज किया है, लेकिन इस अफवाह ने उन्हें परेशान जरूर किया है। शायद इसलिए क्योंकि इससे न केवल उन्हें निशाना बनाया गया, बल्कि एक तरह से ट्रांसफोबिया फैलाया गया।
राष्ट्रपति मैक्रों ने खुद 2023 में एक इंटरव्यू में इस अफवाह की निंदा की थी और इसे "सत्य, शालीनता और लोकतंत्र पर हमला" बताया था। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी अफवाह फैलाना देश और कमजोर समुदायों के लिए काफी हानिकारक हो सकता है।