पाकिस्तान से दोस्ती पड़ी भारी! भारत की वजह से SCO में एंट्री पर रोक, अजरबैजान क्यों लगा रहा ऐसे आरोप?

ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने भारत पर आरोप लगाया है कि पाकिस्तान से उसके करीबी रिश्तों के कारण भारत वैश्विक मंचों पर बाकू से “बदला लेने” की कोशिश कर रहा है। मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अजरबैजान उन कुछ देशों में शामिल था, जिन्होंने पाकिस्तान का समर्थन किया था

अपडेटेड Sep 03, 2025 पर 7:49 PM
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पाकिस्तान से दोस्ती पड़ी भारी! भारत की वजह से SCO में एंट्री पर रोक, अजरबैजान क्यों लगा रहा ऐसे आरोप?

भारत और अजरबैजान के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। खबर है कि नई दिल्ली ने अजरबैजान की शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में पूर्ण सदस्यता की कोशिश को एक बार फिर रोक दिया है। माना जा रहा है कि इसका कारण अजरबैजान के पाकिस्तान से करीबी रिश्ते हैं। भारत ने अभी तक अजरबैजान की मीडिया में आई इन खबरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इसी बीच, ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने भारत पर आरोप लगाया है कि पाकिस्तान से उसके करीबी रिश्तों के कारण भारत वैश्विक मंचों पर बाकू से “बदला लेने” की कोशिश कर रहा है।

मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अजरबैजान उन कुछ देशों में शामिल था, जिन्होंने पाकिस्तान का समर्थन किया था। ये वही समय था, जब भारत ने अपने पड़ोसी देश में आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की थी।

अजरबैजान ने भारत पर निशाना साधा


अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने सोमवार (1 सितंबर) को आरोप लगाया कि पाकिस्तान से उसके करीबी रिश्तों की वजह से भारत उस पर “बदले की राजनीति” कर रहा है।

ये आरोप उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात के दौरान लगाए। यह बैठक चीन के उत्तरी शहर तियानजिन में SCO सम्मेलन के मौके पर हुई थी। अजरबैजान के राष्ट्रपति कार्यालय के हवाले से अनादोलु एजेंसी ने यह जानकारी दी।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव का धन्यवाद किया। उन्होंने पाकिस्तान की जनता और सरकार की ओर से अलीयेव को भारत के साथ इस साल की शुरुआत में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान अजरबैजान की ओर से दिखाई गई “एकजुटता” के लिए आभार जताया।

राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने पाकिस्तान को भारत पर उसकी कथित “जीत” के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक मंचों पर की जा रही कार्रवाइयों के बावजूद अजरबैजान अपने रिश्तों में पाकिस्तान के साथ “भाईचारे” को प्राथमिकता देता है।

इस बीच, अजरबैजान के टीवी चैनल AnewZ ने दावा किया कि भारत ने बाकू के SCO का पूर्ण सदस्य बनने की कोशिशों में रुकावट डाली है।

मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने चैनल को बताया कि भारत का यह “प्रक्रिया में बाधा डालने का फैसला” बहुपक्षीय कूटनीति (multilateral diplomacy) और “शंघाई स्पिरिट” के सिद्धांतों के खिलाफ है। शंघाई स्पिरिट का मानना है कि द्विपक्षीय विवादों को बहुपक्षीय मंचों पर नहीं लाना चाहिए।

अधिकारियों का कहना है कि भारत का यह रुख अजरबैजान के पाकिस्तान के साथ “भाईचारे वाले रिश्तों” से जुड़ा हुआ है।

जब अजरबैजान ने पाकिस्तान का साथ दिया

मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को समर्थन देने वाले देशों में अजरबैजान और तुर्की शामिल थे। इनके अलावा चीन ने भी पाकिस्तान का साथ दिया था।

उस समय अजरबैजान ने बयान जारी कर कहा था, “अजरबैजान गणराज्य, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंता जताता है।”

भारत की सैन्य कार्रवाई की निंदा करते हुए अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने भी इस्लामाबाद का समर्थन किया था। बयान में कहा गया था, “हम पाकिस्तान की जनता के साथ एकजुटता दिखाते हैं। निर्दोष पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। हम सभी पक्षों से संयम बरतने और इस विवाद को कूटनीतिक तरीकों से सुलझाने की अपील करते हैं।”

इसी तरह तुर्की ने भी पाकिस्तान का समर्थन किया था। इससे सोशल मीडिया पर कई भारतीय नाराज हो गए और तुर्की और अजरबैजान का बहिष्कार करने की मांग जोर पकड़ने लगी।

भारत के बहिष्कार का अजरबैजान पर असर

बहिष्कार की अपीलों के बीच भारत के ट्रैवल टूर ऑपरेटरों ने तुर्की और अजरबैजान के लिए ऑफर और प्रमोशनल पैकेज रद्द कर दिए।

EaseMyTrip ने एक एडवाइजरी जारी कर यात्रियों से कहा कि वे तुर्की और अजरबैजान की यात्रा तभी करें जब 'बहुत ही ज्यादा' हो।

Ixigo ने तुर्की, चीन और अजरबैजान के लिए सभी फ्लाइट और होटल बुकिंग रोक दीं। वहीं, Travomint ने भी तुर्की और अजरबैजान के सभी ट्रैवल पैकेज कथित तौर पर बंद कर दिए।

MakeMyTrip की रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय सिर्फ एक हफ्ते में तुर्की और अजरबैजान के लिए बुकिंग्स में 60% गिरावट आई और कैंसलेशन 250% तक बढ़ गए।

भारत के इस ट्रैवल बहिष्कार से अजरबैजान को बड़ा झटका लगा, क्योंकि रूस, तुर्की और ईरान के बाद भारत, अजरबैजान के लिए चौथा सबसे बड़ा टूरिस्ट सोर्स बनकर उभरा था।

पिछले कुछ सालों में भारत से अजरबैजान जाने वाले यात्रियों की संख्या में तेज बढ़ोतरी हुई है। अपनी पारंपरिक संस्कृति और आधुनिकता के मेल की वजह से यह देश भारतीय टूरिस्टों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गया है।

साल 2014 में केवल 4,853 भारतीय टूरिस्ट अजरबैजान गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 2,43,589 तक पहुंच गई।

2023 में अजरबैजान जाने वाले कुल पर्यटकों में भारतीयों की हिस्सेदारी 6% से भी कम (1.17 लाख) थी, लेकिन 2024 में यह बढ़कर करीब 10% हो गई।

जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच 80,000 से ज्यादा भारतीय पर्यटक अजरबैजान गए। यह उस पीरियड में अजरबैजान के कुल पर्यटकों का लगभग 11% था। यह जानकारी बिजनेसलाइन की रिपोर्ट में दी गई है।

पर्यटन बोर्ड के अनुसार, एक भारतीय पर्यटक औसतन 1 लाख से 1.3 लाख रुपए खर्च करता है। ऐसे में भारत के ट्रैवल बहिष्कार से अजरबैजान की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो सकता था।

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First Published: Sep 03, 2025 7:48 PM

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