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Agriculture Tips: नवंबर में बोएं यह फसल और मार्च तक बन जाए आपकी कमाई का जरिया

Agriculture Tips: नवंबर के महीने में रबी फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है, और मूंगफली की खेती भी तेज़ हो जाती है। सही तकनीक, मिट्टी की तैयारी और समय पर बुवाई से यह फसल जल्दी तैयार होती है और कम लागत में अधिक मुनाफा देती है, किसानों के लिए लाभकारी तिलहनी फसल है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 14, 2025 पर 10:41 AM
Agriculture Tips: नवंबर में बोएं यह फसल और मार्च तक बन जाए आपकी कमाई का जरिया
Agriculture Tips: अच्छी उपज के लिए खेत की तैयारी और मिट्टी का चयन बेहद महत्वपूर्ण है।

नवंबर के महीने के शुरू होते ही किसान रबी फसलों की बुवाई की तैयारी में जुट जाते हैं, और इसी समय मूंगफली की खेती में भी तेजी आ जाती है। सर्दियों के मौसम में मूंगफली की मांग बढ़ जाती है, इसलिए किसान इसे बड़े पैमाने पर उगाते हैं। सही तकनीक, मिट्टी की तैयारी और समय पर बीजाई करने से फसल जल्दी तैयार होती है और लागत के मुकाबले अधिक मुनाफा देती है। मूंगफली एक प्रमुख तिलहनी फसल है, जो कम लागत में भी किसानों को अच्छा लाभ प्रदान कर सकती है।

इसकी खेती में बीज की सही मात्रा, बुवाई की विधि, मिट्टी का चयन और मौसम की अनुकूलता बेहद महत्वपूर्ण हैं। यदि किसान इन सभी बातों का ध्यान रखकर मूंगफली की खेती करें तो फसल की उपज और गुणवत्ता दोनों बढ़ती हैं, जिससे आय में वृद्धि होती है।

बीज और बुवाई की सही विधि

मूंगफली की खेती में उपयुक्त बीज और बुवाई का तरीका जानना बेहद जरूरी है। सिंचित क्षेत्रों में जून के प्रथम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक बुवाई की जाती है, जबकि कटाई नवंबर में होती है। दूसरी फसल नवंबर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में कटाई की जाती है। झुमका किस्म के लिए लगभग 100 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर, जबकि विस्तारी और अर्ध-विस्तारी किस्मों के लिए 60–80 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है। कतारों के बीच दूरी 30 सेंटीमीटर और पौधों के बीच 10 सेंटीमीटर रखनी चाहिए।

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