Budget 2025: संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है और एक फरवरी को देश का आम बजट लोकसभा में पेश होगा। मिडिल क्लास को मोदी सरकार के इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। वहीं इस बजट में घर खरीदने पर टैक्स-छूट बढ़ने जा रही है। इसका ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट में कर सकती हैं। लंबे समय से होम लोन के इंटरेस्ट पर डिडक्शन बढ़ाने की मांग हो रही है। पिछले कुछ सालों में घरों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। लेकिन, होम लोन के इंटरेस्ट और प्रिंसिपल पर डिडक्शन नहीं बढ़ाया गया है। होम लोन लेने वालों को दो तरह का डिडक्शन मिलता है।
सेक्शन 24बी के तहत डिडक्शन
होम लोन के इंटरेस्ट पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24बी के तहत डिडक्शन मिलता है। इस सेक्शन के तहत एक वित्त वर्ष में होम लोन के इंटरेस्ट अमाउंट पर मैक्सिमम 2 लाख रुपये का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। सरकार इस डिडक्शन को बढ़ाकर 4 लाख रुपये तक कर सकती है। Axis Securities के एनालिस्ट्स का कहना है कि सेक्शन 24बी के तहत डिडक्शन की लिमिट 4 लाख रुपये कर देने से घर खरीदारों को काफी राहत मिल जाएगी।
सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन
होम लोन के प्रिंसिपल पर सेक्शन 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये का डिडक्शन मिलता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार होम लोन के प्रिंसिपल पर अलग से 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन के लिए कैटेगरी बना सकती है। इससे घर खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी। अभी सेक्शन 80सी के तहत करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट ऑप्शंस आते हैं। इसलिए होम लोन के प्रिंसिपल पर डिडक्शन क्लेम करने की गुंजाइश नहीं बनती है।
एफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा में बदलाव
एनालिस्ट्स का कहना है कि सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मेट्रो शहरों में घरों की कीमत की सीमा 35 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर सकती है। इससे ज्यादा घर एफोर्डेबल हाउसिंग के दायरे में आ जाएंगे। इससे खासकर बड़े शहरों में एफोर्डेबल हाउसिंग मार्केट को बढ़ावा मिलेगा। रियल एस्टेट इंडस्ट्री लंबे समय से एफोर्डेबल हाउस की परिभाषा में बदलाव करने की मांग कर रही है। पिछले सालों में घरों की कीमतें काफी बढ़ी हैं, लेकिन सरकार ने एफोर्डेबल हाउसिंग की कीमत की सीमा नहीं बढ़ाई है।
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रियल एस्टेट सेक्टर की अच्छी ग्रोथ के फायदें
रियल एस्टेट सेक्टर की अच्छी ग्रोथ का पॉजिटिव असर इकोनॉमी पर पड़ता है। इसकी वजह यह है कि रियल एस्टेट सेक्टर में गतिविधियां बढने का फायदा स्टील, सीमेंट, पेंट्स और लाइटिंग कंपनियों को भी मिलता है। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर रोजगार के मौके पैदा करने में भी काफी आगे है।