Budget 2025: क्या मिलेगा बेसिक टैक्स एग्जेंप्शन लिमिट, स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी का तोहफा? सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए किन राहतों की उम्मीद
Union Budget 2025: ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के एक सर्वे से सामने आया है कि व्यक्तिगत करदाता अपनी खर्च योग्य आय बढ़ाने के लिए पर्सनल इनकम टैक्स के मोर्चे पर राहत चाहते हैं। भारत में 57 प्रतिशत पर्सनल इनकम टैक्सपेयर्स की इच्छा है कि सरकार बजट में टैक्स में कटौती की घोषणा करे। 26 प्रतिशत लोगों का मानना है कि बेसिक टैक्स एग्जेंप्शन की लिमिट बढ़ाई जाए
1 फरवरी को पेश होने जा रहा बजट 2025 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 8वां बजट है।
Budget 2025-26: केंद्रीय बजट 2025 पेश होने में अब केवल एक सप्ताह बचा है। टैक्सपेयर बेसब्री से इस उम्मीद में बजट का इंतजार कर रहा है कि हो सकता है कि उसे इनकम टैक्स में राहत का तोहफा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिल जाए। फिर चाहे वह बेसिक टैक्स एग्जेंप्शन लिमिट में बढ़ोतरी, रिबेट में बढ़ोतरी, स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी, टैक्स रेट्स में बदलाव या फिर सेक्शन 80सी की लिमिट में बढ़ोतरी, किसी भी रूप में क्यों न हो। 1 फरवरी को पेश होने जा रहा बजट 2025 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 8वां बजट है। वहीं मोदी 3.0 सरकार का पहला केंद्रीय बजट है। इनकम टैक्स में राहत को लेकर बजट से प्रमुख उम्मीदें क्या हैं, आइए जानते हैं...
बेसिक टैक्स एग्जेंप्शन में वृद्धि और रेट्स में बदलाव
वर्तमान में, नई आयकर व्यवस्था के तहत बेसिक टैक्स एग्जेंप्शन लिमिट 3 लाख रुपये है। उम्मीद की जा रही है कि बजट में इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया जाएगा। इसके अलावा बजट से पहले कई टैक्स विशेषज्ञ और इंडस्ट्रीज बॉडीज उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा डालने के लिए नई व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब और दरों में संशोधन करेगी। हाल ही में EY इंडिया ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सरकार नई इनकम टैक्स व्यवस्था में बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करेगी और टैक्स रेट्स को भी कम करेगी।
EY के चीफ पॉलिसी एडवायजर डीके श्रीवास्तव का कहना है कि आगामी बजट में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए पर्सनल इनकम टैक्स को कम करने और अधिक पूंजीगत खर्च एलोकेट करने जैसे घरेलू फैक्टर्स पर फोकस करने की जरूरत है। बार्कलेज का कहना कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार को खपत और मांग को बढ़ावा देने के लिए पर्सनल इनकम टैक्स में 'असरदार' कटौती की घोषणा करनी चाहिए।
CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार करदाताओं को टैक्स में राहत देने की योजना पर विचार कर रही है, जिससे खपत और आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही नई इनकम टैक्स व्यवस्था को और अधिक फायदेमंद या आकर्षक बनाने पर विचार किया जा रहा है। रिपोर्ट में सोर्सेज के हवाले से कहा गया है कि नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स रिलीफ देने के लिए सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 75,000 रुपये है।
क्या ₹20 लाख तक की आय पर 20% इनकम टैक्स का मिलेगा तोहफा?
सरकार एक और विकल्प पर विचार कर रही है और वह है नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स स्लैब्स को एडजस्ट करना। सरकार नई व्यवस्था के तहत 20% टैक्स स्लैब का विस्तार कर सकती है और इसमें सालाना ₹12-18 लाख या ₹20 लाख तक की आय को भी कवर कर सकती है। इसके अलावा, ₹18 लाख या ₹20 लाख से अधिक की आय पर 30% का टैक्स ब्रैकेट लगाया जा सकता है। नई इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत वर्तमान टैक्स स्लैब इस तरह हैं...
₹0 से ₹3,00,000: 0%
₹3,00,001 से ₹7,00,000: 5%
₹7,00,001 से ₹10,00,000: 10%
₹10,00,001 से ₹12,00,000: 15%
₹12,00,001 से ₹15,00,000: 20%
₹15,00,001 से अधिक: 30%
NPS में टैक्स बेनिफिट में बढ़ोतरी
उम्मीद है कि सरकार एनपीएस यानि नेशनल पेंशन सिस्टम में टैक्स बेनिफिट बढ़ा सकती है। बजट-पूर्व चर्चा में टैक्स एक्सपर्ट्स ने सरकार को एनपीएस के नियमों में कुछ बदलाव करने की सलाह दी थी। उनका मानना है कि अगर सरकार ऐसा करती है तो एनपीएस में आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ सकती है। वर्तमान में आयकर कानून के सेक्शन 80CCD के अंतर्गत NPS में निवेश करके 50,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। यह डिडक्शन 80C में मिलने वाले डिडक्शन के अलावा है। इसके अलावा अगर वेतनभोगी कर्मचारी के NPS खाते में एंप्लॉयर योगदान करता है, तो कर्मचारी अपने NPS खाते में एंप्लॉयर की ओर से किए जाने वाले योगदान पर सेक्शन 80CCD (2) के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है।
ऐसे कयास हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2025 में आयकर कानून के सेक्शन 80C की लिमिट को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर सकती हैं। यह फैसला देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी साबित हो सकता है। सेक्शन 80C के तहत टैक्सपेयर्स को 1.5 लाख रुपये तक टैक्स बचाने का मौका मिलता है। इसमें कई सेविंग्स स्कीम जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), जीवन बीमा प्रीमियम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), और बच्चों की ट्यूशन फीस शामिल हैं। यह सुविधा व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए उपलब्ध है।
25% का नया टैक्स स्लैब
यह भी उम्मीद है कि सरकार मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए 15 से 18 लाख रुपये का एक नया टैक्स स्लैब बना सकती है। इसके तहत आने वाले टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रेट 25 प्रतिशत हो सकता है।
क्या इनकम टैक्स रिबेट की बढ़ेगी लिमिट?
नई आयकर व्यवस्था में सालाना 7 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर बनने वाला टैक्स, रिबेट हो जाता है। यानि सरकार इसे माफ कर देती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिबेट की लिमिट को बढ़ाया जा सकता है, जिससे सालाना 9 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर बनने वाला टैक्स माफ हो सकता है।