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Budget 2025: आर्थिक असामनता दूर करने के लिए क्या सरकार बड़े कदम उठाएगी?

फ्रांस के इकोनॉमिस्ट थॉमस पिकेटी ने हाल में इंडिया में अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई को पाटने पर अपनी राय पेश की थी। उनका कहना है कि ऐसे लोगों को अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा देश में एजुकेशन और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए देना चाहिए। इसके लिए ज्यादा अमीर लोगों पर 2 फीसदी का वेल्थ टैक्स लागाया जा सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 28, 2024 पर 2:15 PM
Budget 2025: आर्थिक असामनता दूर करने के लिए क्या सरकार बड़े कदम उठाएगी?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट पेश करेंगी। इसमें वह आर्थिक रूप से कमजोर आबादी के करीब 50 फीसदी लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए बड़े कदम उठा सकती हैं।

पिछले तीन दशकों में इंडियन इकोनॉमी तेजी से बढ़ी है। लेकिन, इस बीच देश में आर्थिक असमानता भी बढ़ी है। इकोनॉमी में रिफॉर्म्स का फायदा उन लोगों को ज्यादा मिला है, जिनके पास पहले से पैसे थे। उन्होंने अपने पैसे को निवेश कर ज्यादा पैसे बनाए हैं। हर साल इंडिया में बिलिनेयर्स की बढ़ती लिस्ट से इसकी पुष्टि होती है। फ्रांस के इकोनॉमिस्ट थॉमस पिकेटी ने हाल में इंडिया में अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई को पाटने पर अपनी राय पेश की थी। इसके बाद यह मसला फिर से सुर्खियों में आ गया है। सवाल है कि क्या सरकार यूनियन बजट 2025 में इस दिशा में कुछ बड़े कदम उठा सकती है?

आर्थिक उदारीकरण से अमीरों को ज्यादा फायदा

पिकेटी का मानना है कि आर्थिक उदारीकरण का फायदा अमीर भारतीयों ने ज्यादा उठाया है। उनका कहना है कि ऐसे लोगों को अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा देश में एजुकेशन और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए देना चाहिए। इसके लिए ज्यादा अमीर लोगों पर 2 फीसदी का वेल्थ (Wealth Tax) टैक्स लागाया जा सकता है। इससे हेल्थ और एजुकेशन जैसी चीजों के लिए काफी पैसा जुटाया जा सकता है। उन्होंने जीडीपी और टैक्स कलेक्शन के रेशियो को बढ़ाने के उपायों को भी जरूरी बताया।

कुल इनकम में गरीब लोगों की हिस्सेदारी घट रही

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