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अगर इनकम 12 लाख है तो इन स्थितियों में 87ए के रिबेट के बाद भी देना पड़ेगा टैक्स, जानिए इसकी वजह

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाला रिबेट लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर लागू नहीं होता है। इनकम टैक्स के सेक्शन 111ए का प्रावधान शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर लागू होता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 01, 2025 पर 9:15 PM
अगर इनकम 12 लाख है तो इन स्थितियों में 87ए के रिबेट के बाद भी देना पड़ेगा टैक्स, जानिए इसकी वजह
अभी इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 7 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स जीरो हो जाता है।

अगर किसी टैक्सपेयर की इनकम में कैपिटल गेंस या लॉटरी से इनकम शामिल है तो 12 लाख तक की इनकम होने पर भी उसे टैक्स चुकाना होगा। इसकी वजह यह है कि सेक्शन 87ए के तहत रिबेट स्पेशल रेट वाली इनकम पर लागू नहीं होगा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस, लॉटरी से हुई इनकम स्पेशल रेट वाली इनकम मानी जाती हैं।

स्पेशल टैक्स पर लागू नहीं होता है सेक्शन 87ए

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाला रिबेट लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर लागू नहीं होता है। इनकम टैक्स के सेक्शन 111ए का प्रावधान शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर लागू होता है। सेक्शन 112 का प्रावधान लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स पर लागू होता है। शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स के अलग रेट हैं। इसलिए सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाला रिबेट ऐसे इनकम पर लागू नहीं होता है।

ऐसे देना पड़ेगा रिबेट के बाद भी टैक्स

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