JULY WPI DATA : आज आए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत का थोक मूल्य सूचकांक (WPI) जुलाई में घटकर 25 महीने के निचले स्तर -0.58 फीसदी पर आ गया है। जून में यह दर -0.13 फीसदी पर रही थी। यह लगातार दूसरे महीने थोक अपस्फीति का संकेत है। थोक महंगाई में लगातर दूसरे महीने गिरावट देखने को मिली है। रिटेल महंगाई की तरह ही जुलाई में थोक महंगाई में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। रिटेल महंगाई जुलाई में आठ साल के निचले स्तर 1.6 फीसदी पर आ गई है। खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आई गिरावट के चलते महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है।
थोक बाजार में खाने-पीने की चीजों की महंगाई में लगातार दूसरे महीने गिरावट देखने को मिली है। जुलाई में फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर जून के -2.65 फीसदी से बढ़कर -2.43 फीसदी पर रही है। वहीं, मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 1.97 फीसदी से बढ़कर 2.05 फीसदी पर रही है। जबकि प्राइमरी आर्टिकल की थोक महंगाई -3.38 फीसदी से घटकर -4.95 फीसदी पर रही है। जुलाई थोक महंगाई (WPI) 2 साल के निचले स्तर पर रही है।
जुलाई में खाद्य थोक महंगाई -0.26 फीसदी से घटकर -2.15 फीसदी पर रही है। इस अवधि में सब्जियों की WPI महंगाई -22.65 फीसदी से घटकर -28.96 फीसदी पर रही है। वहीं, आलू की WPI मंहगाई -32.67 फीसदी से घटकर -41.26 फीसदी पर आ गई है। जुलाई में प्याज की WPI महंगाई -33.49 फीसदी से घटकर -44.38 फीसदी पर रही है।
जुलाई में दूध की WPI महंगाई जून के 2.26 फीसदी से घटकर 2.20 फीसदी पर रही है। जबकि, अंडे, मांस, मछली की WPI महंगाई जून के -0.29 फीसदी से घटकर -1.09 फीसदी पर रही है। जुलाई में देश की कोर WPI जून के 1 फीसदी से बढ़कर 1.1 फीसदी पर रही है।