आरबीआई ने 23 मई को सरकार के लिए 2.69 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड का ऐलान किया। यह इकोनॉमिस्ट्स के अनुमान से कम है, लेकिन एक साल पहले के डिविडेंड से ज्यादा है। एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस डिविडेंड में आरबीआई की तरफ से डॉलर की बिक्री, फॉरेन एक्सचेंज पर ज्यादा रिटर्न और अच्छी इंटरेस्ट इनकम का हाथ है। इकोनॉमिस्ट्स ने इस बार डिविडेंड 2.5 से 3 लाख करोड़ रुपये के बीच रहने का अनुमान जताया था।
सरकार के फाइनेंस पर दबाव घटेगा
एक्सपर्ट्स क कहना है कि RBI का डिविडेंड (RBI Dividend) भले ही अनुमान से कम है लेकिन इससे सरकार को बड़ी राहत मिलेगी। इससे सरकार को फिस्कल डेफिसिट के मामले में बड़ी राहत मिल सकती है। सरकार का फिस्कल डेफिसिट 20 से 30 बेसिस प्वाइंट्स तक घट सकता है। इस साल बजट में सरकार ने फिस्कल डेफिसिट 4.5 रहने का अनुमान लगाया है। सरकार ने पिछले कुछ सालों में फिस्कल डेफिसिट को कम करने पर फोकस बढ़ाया है। इसके अच्छे नतीजें दिखे हैं।
बजट में 2.56 डिविडेंड इनकम का अनुमान
सरकार ने इस साल यूनियन बजट में आरबीआई और दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से 2.56 लाख करोड़ रुपये की डिविडेंड इनकम का अनुमान लगाया था। आरबीआई के 2.69 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड के ऐलान के बाद सरकार की कुल डिविडेंड इनकम काफी ज्यादा रह सकती है। इसकी वजह यह है कि दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से भी सरकार को डिविडेंड मिलेगा। इससे सरकार का कुल डिविडेंड इनकम 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रह सकती है।
हाल में सरकार ने ECF में किया था बदलाव
केंद्रीय बैंक पिछले हफ्ते इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ECF) में बदलाव किया था। इस फ्रेमवर्क के तहत यह तय होता है कि आरबीआई अपने प्रॉफिट का कितना हिस्सा सरकार को डिविडेंड के रूप में ट्रांसफर करेगा और कितना हिस्सा अपने पास रखेगा। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए RBI ने सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया था। इस तरह इस बार का डिविडेंड एक साल पहले के डिविडेंड से काफी ज्यादा है।
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केंद्रीय बैंक की इनकम के स्रोत
आरबीआई को कई तरह से इनकम होती है। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी सरकार के बॉन्ड्स और ट्रेजरी बिल्स पर मिलने वाले इंटरेस्ट की होती है। दूसरा, RBI को विदेशी मुद्रा भंडार से रिटर्न मिलता है। केंद्रीय बैंक इस रिटर्न को सुरक्षित माने जाने वाले विदेशी एसेट्स में इनवेस्ट करता है। इस पर आरबीआई को कैपिटल गेंस होता है। हाल में आरबीआई ने गोल्ड में अपना निवेश बढ़ाया है। पिछले कुछ महीनों में गोल्ड की कीमतों में उछाल आया है। इससे आरबीआई को फायदा हुआ है।