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Gold Reserve: RBI का गोल्ड रिजर्व 879 टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, क्या अब डॉलर के सबसे बुरे दिन आने वाले हैं?

Gold Reserve: दुनियाभर के केंद्रीय बैंक गोल्ड में निवेश बढ़ा रहे हैं। इससे उनके कुल फॉरेन एसेट रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी काफी बढ़ गई है। कई केंद्रीय बैंकों का कहना है कि अगले 12 महीने में ग्लोबल रिजर्व में डॉलर की हिस्सेदारी में गिरावट आ सकती है जबकि गोल्ड और दूसरे करेंसी की हिस्सेदारी बढ़ सकती है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jun 19, 2025 पर 9:57 AM
Gold Reserve: RBI का गोल्ड रिजर्व 879 टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, क्या अब डॉलर के सबसे बुरे दिन आने वाले हैं?
इंडिया के कुल फॉरेन एसेट में गोल्ड की हिस्सेदारी 12 फीसदी तक पहुंच गई है। 2024 में यह हिस्सेदारी सिर्फ 8.3 फीसदी थी।

आरबीआई का गोल्ड में निवेश बढ़कर मार्च 2025 में 879.58 टन पर पहुंच गया। यह 2020 के मध्य के मुकाबले करीब एक तिहाई ज्यादा है। इससे इंडिया के कुल फॉरेन एसेट में गोल्ड की हिस्सेदारी 12 फीसदी तक पहुंच गई है। 2024 में यह हिस्सेदारी सिर्फ 8.3 फीसदी थी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के डेटा से यह जानकारी मिली है। डब्ल्यूजीसी के 'सेंट्रल बैंक गोल्ड रिजर्व सर्वे 2025' से कई दिलचस्प जानकारियां मिली हैं।

कई केंद्रीय बैंक अगले 12 महीनों में गोल्ड रिजर्व बढ़ा सकते हैं

WGC के Central Bank Gold Reserves Survey 2025 में शामिल 95 फीसदी केंद्रीय बैंकों का कहना था कि अगले 12 महीनों में गोल्ड का ग्लोबल रिजर्व बढ़ेगा। 43 फीसदी केंद्रीय बैंकों ने कहा कि अगले 12 महीनों में उनका भी अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ाने का प्लान है। यह बात ध्यान में रखने वाली है कि RBI ऐसा अकेला केंद्रीय बैंक नहीं है जो गोल्ड में निवेश बढ़ा रहा है। दुनिया में कई देशों के केंद्रीय बैंक पिछले काफी समय से अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे है।

केंद्रीय बैंकों का गोल्ड में निवेश बढ़ाना डॉलर में कमजोरी का संकेत

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