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Bihar Assembly Elections: प्रशांत किशोर से एनडीए और महागठबंधन में से किसे ज्यादा खतरा?

49 साल के प्रंशात किशोर ने कई राज्यों में कई नेताओं को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में मदद की है। अब वह खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदार हैं। वह बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं, यह तो दो-ढाई महीने बाद पता चलेगा। लेकिन, इतना तय है कि वह एनडीए और महागठबंधन को बड़ी चोट पहुंचाने जा रहे हैं

Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 24, 2025 पर 7:00 PM
Bihar Assembly Elections: प्रशांत किशोर से एनडीए और महागठबंधन में से किसे ज्यादा खतरा?
प्रशांत किशोर बिहार में हर उस कौशल को आजमाते दिख रहे हैं,जिसका इस्तेमाल पहले उन्होंने दूसरे नेताओं को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने के लिए किया है।

बिहार की राजनीति करीब साढ़े तीन दशकों से लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की छाया में रही है। इस दौरान सत्ता कभी लालू प्रसाद यादव के परिवार के पास रही तो कभी नीतीश कुमार के पास रही। इस बार भी मुख्य मुकाबला महागठबंधन और एनडीए के बीच दिख रहा है। महागठबंधन की अगुवाई राजद कर रहा है तो एनडीए की ताकत के आधार जदयू और बीजेपी हैं। इस बार बिहार के विधानसभा चुनाव अगर पिछले विधानसभा चुनावों से अलग दिख रहे हैं तो इसका श्रेय प्रशांत किशोर को जाता है।

दोनों बड़े गठबंधन के वोटर्स में सेंध लगाने की कोशिश

49 साल के प्रंशात किशोर ने कई राज्यों में कई लोगों को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में मदद की है। अब वह खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदार हैं। वह बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं, यह तो दो-ढाई महीने बाद पता चलेगा। लेकिन, इतना तय है कि वह एनडीए और महागठबंधन को बड़ी चोट पहुंचाने जा रहे हैं। वह दोनों गठबंधन के मतदाताओं में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

चुनाव जीतने वाले कौशल का खुद के लिए इस्तेमाल

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