बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और जैसे-जैसे समय करीब आ रहा है, सत्ताधारी NDA और विपक्षी महागठबंधन दोनों में हलचल तेज हो गई है। खासकर NDA में सीटों के बंटवारे को लेकर जटिल स्थिति बन गई है। इस बार लोक जनशक्ति पार्टी (LJP– पासवान गुट) भी NDA का हिस्सा है, जबकि 2020 के चुनाव में LJP ने अकेले मैदान में उतर कर 134 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, हालांकि केवल एक सीट ही जीत पाई थी। लेकिन LJP की इस रणनीति से JDU को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।
पिछले चुनाव में NDA में बीजेपी ने 110 सीटों पर लड़ाई लड़ी थी और 74 सीटें जीती थीं। JDU ने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 43 सीटें मिली थीं। जीतनराम मांझी की पार्टी 'HAM' को 7 में से 4 सीटों पर सफलता मिली थी। वहीं मुकेश साहनी VIP पार्टी ने 11 सीटों पर लड़ाई लड़ी थी और 4 सीटें जीती थीं।
इस बार समीकरण बदले हैं। VIP अब NDA का हिस्सा नहीं है, वह महागठबंधन में शामिल हो चुकी है। वहीं चिराग पासवान की LJP एनडीए में लौट आई है और कम से कम 40 सीटों की मांग कर रही है। इससे NDA में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया।
बीजेपी के कुछ नेता मानते हैं कि पार्टी कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिससे JDU की हिस्सेदारी में कटौती तय मानी जा रही है। जीतनराम मांझी भी 35 सीटों की मांग कर रहे हैं, हालांकि, जानकारों का मानना है कि यह संख्या पूरी मिलना मुश्किल है। उनकी ये रणनीति अपनी मौजूदा सीटें बचाने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
JDU का पत्ता कटवाना चाहती है LJP?
LJP (पासवान) के एक नेता का कहना है कि बीजेपी और ‘हम’ मिलकर कम से कम 135 से 140 सीटों पर चुनाव लड़ें, तभी सरकार स्थिर रह सकेगी। यानी साफ है कि वो JDU का पत्ता कटवाना चाहते हैं।
इसी बीच मुकेश सहनी की पार्टी VIP, जो पिछली बार NDA में थी, अब महागठबंधन का हिस्सा बन चुकी है। लेकिन हाल ही में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बयान के बाद यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि सहनी फिर से NDA में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, सहनी ने इन खबरों से इनकार किया है, लेकिन राजनीति में कब कौन किस ओर चला जाए, यह कहना मुश्किल है।
मुकेश सहनी पहले भी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में RLD के साथ गठबंधन में रहे हैं। अगर वे फिर से NDA में आते हैं, तो सीटों के बंटवारे को लेकर एक बार फिर से समीकरण उलझ सकते हैं।