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कहानी उस प्रेस कॉफ्रेंस जो बदल रही बिहार की राजनीति! जानें पांच साल पुराना ये किस्सा...जिसका अब दिख रहा असर

Bihar Election 2025 : साल 2020 के शुरुआत में कोरोना महामारी ने देश में अपने पांव पसारने शुरू किए। लेकिन उसी साल लॉकडाउन लगने से पहले बिहार के अखबारों में एक ऐसी तस्वीर छपती है, जिससे पटना के राजनीतिक गलियारों में एक अजीब सी हलचल मच जाती है। वहीं पांच साल पहले राजधानी पटना में एक प्रेस कॉफ्रेंस भी हुई थी, जिसका असर 2025 के चुनाव में होता दिख रहा है

Rajat Kumarअपडेटेड Jul 27, 2025 पर 2:53 PM
कहानी उस प्रेस कॉफ्रेंस जो बदल रही बिहार की राजनीति! जानें पांच साल पुराना ये किस्सा...जिसका अब दिख रहा असर
इस साल के अंत में 13 करोड़ की आबादी वाले राज्य बिहार में विधानसभा चुनाव होना है।

Bihar Election 2025 : राजनीतिक चर्चाओं के दौरान एक बात अक्सर कही जाती है कि भारत चुनावों वाला देश है। हर साल देश के किसी न किसी हिस्से में चुनाव होते ही रहते हैं। इस साल के अंत में भी सियासी दांव और जनता की उम्मीदें टकराने वाली हैं। इस साल के अंत में 13 करोड़ की आबादी वाले राज्य बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। लेकिन आज हम इस साल होने वाले चुनाव की बात नहीं करेंगे बल्कि पिछले विधानसा चुनाव यानी साल 2020 के इलेक्शन की करेंगे।

साल 2020 का नाम सुनते ही आपके दिमाग में भी जो शब्द सबसे पहले आता होगा, वो कोविड ही होगा। साल 2020 के शुरुआत में कोरोना महामारी ने देश में अपने पांव पसारने शुरू किए। लेकिन उसी साल लॉकडाउन लगने से पहले बिहार के अखबारों में एक ऐसी तस्वीर छपती है, जिससे पटना के राजनीतिक गलियारों में एक अजीब सी हलचल मच जाती है। इस खबर में हम पांच साल पहले हुए एक प्रेस कॉफ्रेंस की भी बात करेंगे, जिसका असर 2025 के चुनाव में होता दिख रहा है। आइए जानते हैं इन दोनों राजनीतिक किस्सों के बारे में।

जब एक विज्ञापन से मची हलचल

8 मार्च, 2020 आज से करीब पांच साल पहले देश के कई अख़बारों में विज्ञापन आया। आखबारों में छपे इस विज्ञापन में एक महिला ने एलान किया था कि वो इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार हैं। साथ ही उन्होंने बिहार की जनता को एक चिट्ठी भी लिखी थी। इस चिट्ठी में कहा गया था कि, "यह पत्र एक मुख्यमंत्री कैंडिडेट अपने साथी नागरिकों को लिख रही है। इसे सम्भाल कर रखें, क्योंकि यह आपके और आपके बच्चे के बेहतर भविष्य की गारंटी है।" चिट्ठी में वो लिखती हैं कि मुझे बिहार को बदलना है। खुद को मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बताने वाली महिला काम पुष्पम प्रिया चौधरी था। आगे चलकर पुष्पम प्रिया चौधरी ने एक राजनीतिक पार्टी बनाई, जिसका नाम उन्होंने प्लूरल्स (PLURALS) रखा।  

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