Delhi Election 2025: दिल्ली में पांच फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय राजधानी में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुक्रवार (17 जनवरी) को आम आदमी पार्टी के पार्षद रवींद्र सोलंकी और नरेंद्र गिरसा भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। इसे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए एक झटका माना जा रहा है।
बापरोला वार्ड से पार्षद सोलंकी और मंगलापुरी से पार्षद गिरसा बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा एवं पश्चिमी दिल्ली की सांसद कमलजीत सहरावत की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए। ये दोनों ही वार्ड सहरावत के लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। सहरावत ने कहा कि दोनों पार्षद आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से हैं और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की राजनीति और नीतियों से उनका मोहभंग हो गया है।
उन्होंने कहा, "सोलंकी और गिरसा ने पाला नहीं बदला है, बल्कि केजरीवाल ने पाला बदला है, जिसके कारण उन्हें (इन दोनों को) पार्टी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।" आपको जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली की सभई 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा। जबकि चुनाव परिणाम की घोषणा आठ फरवरी को की जाएगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को 500 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए, जिससे 70 विधानसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों की कुल संख्या 841 हो गई है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन (सीईओ) अधिकारी ने यह जानकारी दी।
नामांकन दाखिल करने वालों में आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शामिल हैं। मनीष सिसोदिया ने जंगपुरा निर्वाचन क्षेत्र से, गोपाल राय ने बाबरपुर से और सौरभ भारद्वाज ने ग्रेटर कैलाश क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया, जहां वह AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को चुनौती देंगे। AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने मुस्तफाबाद सीट से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
राष्ट्रीय राजधानी के चुनाव में मुख्य मुकाबला दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है। दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है। वह एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है। AAP ने 2020 के विधानसभा चुनावों में 70 में से 62 सीटें जीतकर दबदबा बनाया, जबकि बीजेपी को आठ सीटें मिलीं।