Delhi Election Results: चार मुस्लिम विधायक पहुंचे दिल्ली विधानसभा, जानें- किसे कहां से मिली जीत
Delhi Election Results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवेश वर्मा और तरविंदर सिंह मारवाह सबसे बड़ा उलटफेर करने वाले नेता के रूप में उभरे हैं। दोनों ने नई दिल्ली और जंगपुरा विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को हरा दिया है
Delhi Election Results 2025: दिल्ली में मुस्लिम बाहुल्य मानी जाने वाली 6 में से 5 सीटों पर AAP उम्मीदवारों को जीत मिली है
Delhi Election Results 2025: दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) की कथित निष्क्रियता से मुस्लिम समुदाय नाराज बताया जा रहा था। लेकिन इन दिल्ली विधानसभा चुनाव में उसने झाड़ू को ही प्राथमिकता दी। सभी 70 विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य मानी जाने वाली छह में से पांच सीटों पर AAP के उम्मीदवारों को सफलता मिली है। AAP को मुस्तफाबाद सीट पर हार का सामना करना पड़ा है, जहां पिछली बार उसके उम्मीदवार हाजी युनूस ने जीत हासिल की थी। इस बार चार मुस्लिम विधायक जीते हैं। जबकि पिछली बार पांच मुस्लिम विधायक विधानसभा पहुंचे थे।
दिल्ली में छह विधानसभा सीटें सीलमपुर, मुस्तफाबाद, मटिया महल, बल्लीमारान, ओखला और बाबरपुर मुस्लिम बहुल सीट मानी जाती हैं। चुनाव से पहले यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के 2020 के दंगे, कोरोना महामारी के दौरान उपजे तब्लीगी जमात के मुद्दे और अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े मुद्दों पर पार्टी की कथित चुप्पी को लेकर मुस्लिम मतदाताओं में AAP को लेकर नाराज़गी है।
लेकिन चुनावी नतीजों के मुताबिक, मुस्लिम बहुल सीटों पर अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली AAP के उम्मीदवार ही समुदाय की पहली पसंद रहे। आम आदमी पार्टी के एक नेता ने पीटीआई को बताया कि दिल्ली में रणनीतिक तरीके से मतदान होता है। सभी वर्ग इस तरह से वोट देते हैं जिसमें मुस्लिम भी शामिल हैं। उन्होंने एआईएमआईएम को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि उसके दोनों उम्मीदवार ऐसे थे जिनसे लोग अपने मोहल्लों का काम नहीं करा सकते थे।
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने दो सीटों ओखला से शिफा-उर-रहमान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन को उतारा था। दोनों ही उम्मीदवार दिल्ली में हुए दंगों के मामले में आरोपी हैं और फिलहाल जेल में बंद हैं।
कौन कहां से जीता?
मुस्तफाबाद में AAP के प्रत्याशी आदिल खान को भारतीय जनता पार्टी के मोहन सिंह बिष्ट ने 17,578 मतों से शिकस्त दी। इस सीट पर एआईएमआईएम के उम्मीदवार ताहिर हुसैन 33,474 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। जबकि कांग्रेस के अली मेहदी को 11,763 मत हासिल हुए। ओखला में भी AAP के मुस्लिम चेहरे अमानतुल्लाह खान भले ही जीत गए हों। लेकिन उनकी जीत का अंतर पिछली बार की तुलना में खासा कम हुआ है। इस सीट से एआईएमआईएम के प्रत्याशी शिफा-उर-रहमान 39,558 मत हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे।
दिलचस्प है कि मुस्लिम बहुल सीटों ओखला, मटिया महल, बल्लीमारान, मुस्तफाबाद और बाबरपुर में कांग्रेस को पिछली बार से ज्यादा इस बार मत मिले हैं। हालांकि सीलमपुर में कांग्रेस के वोट पिछली बार की तुलना में कम हो गए हैं। ओखला में अमानतुल्लाह खान को 2020 के चुनाव में 1,30,367 मत मिले थे। लेकिन इस बार उन्हें 88,943 मत हासिल हुए। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले परवेज़ हाशमी को 2020 में 5123 वोट मिले थे। लेकिन इस बार पार्टी की उम्मीदवार अरीबा खान को 12,739 मत हासिल हुए।
इस सीट पर एआईएमआईएम के उम्मीदवार की वजह से अरीबा खान चौथे नंबर पर खिसक गईं। निर्वतमान दिल्ली सरकार में मंत्री व पुरानी दिल्ली की बल्लीमारान सीट से AAP प्रत्याशी इमरान हुसैन ने 29,823 वोट से जीत हासिल की है। लेकिन उन्हें पिछली बार की तुलना में इस बार कम वोट मिले हैं। हुसैन को 2020 के चुनाव में 65,644 वोट मिले थे। लेकिन इस बार उन्हें 57,004 मत ही हासिल हुए। पिछले चुनाव में 4,802 वोट हासिल करने वाले कांग्रेस उम्मीदवार हारून युसूफ को इस बार 13,059 वोट हासिल हुए।
इसके पड़ोस की मटिया महल सीट से AAP के आले मोहम्मद इकबाल ने 42,724 मतों से जीत दर्ज की है और उन्हें 58,120 वोट हासिल हुए हैं। जबकि 2020 के चुनाव में उनके पिता एवं AAP के उम्मीदवार शुऐब इकबाल को 67,282 वोट मिले थे। इस सीट से 2020 में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे मिर्जा जावेद अली को 3409 मत प्राप्त हुए थे। लेकिन इस बार कांग्रेस के आसिम अहमद खान ने 10,295 वोट हासिल किए।
उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीलमपुर सीट को AAAP के चौधरी जुबैर अहमद ने 42,477 मतों के अंतर से जीता है। इस क्षेत्र की दिलचस्प कहानी यह है कि इस सीट से पिछली बार आम आदमी पार्टी से विधानसभा पहुंचे अब्दुल रहमान पार्टी से टिकट न मिलने की वजह से कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस बार उन्हें मात्र 16,551 वोट हासिल हुए। जुबैर के पिता चौधरी मतीन अहमद ने पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्हें 20,207 वोट मिले थे।
मुस्तफाबाद में AAP के आदिल खान को 67,637 मिले और वह दूसरे स्थान पर रहे। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अली मेहदी को इस बार 11,763 वोट हासलि हुए। वह चौथे स्थान पर रहे जबकि 2020 में उन्हें 5355 मत हासिल हुए थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे।