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Bengaluru: समुद्र तल से 3,000 फीट ऊपर भारत का टेक हब बेंगलुरु, हर बारिश में क्यों हो जाता है पानी-पानी

हैरानी के बात ये है कि नीदरलैंड, जहां की लगभग 26 प्रतिशत जमीन समुद्र तल से नीचे है और वहां के एडवांस कोस्टल डिफेंस और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते बाढ़ दुर्लभ है, लेकिन बेंगलुरु जो इतना ऊंचाई पर बसा है, वहां लगातार बाढ़ आती है। एक्सपर्ट इसका श्रेय 1990 के दशक में IT बूम से शुरू हुए दशकों के अनियोजित विकास को देते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड May 21, 2025 पर 8:45 PM
Bengaluru: समुद्र तल से 3,000 फीट ऊपर भारत का टेक हब बेंगलुरु, हर बारिश में क्यों हो जाता है पानी-पानी
Bengaluru: समुद्र तल से 3,000 फीट ऊपर भारत का टेक हब, हर बार बारिश होने पर क्यों बाढ़ की चपेट में आ जाता है बेंगलुरु

बेंगलुरु का एम चिन्नास्वामी स्टेडियम बारिश के दौरान ऐसे स्पॉट है, जहां भारी बारिश और जल जमाव से निपटने का बड़ा ही हाईटेक सिस्टम है। ये स्टेडियम सबएयर सिस्टम से लैस है, जो एक 200-हॉर्सपावर मोटर से चलने वाला एक सबसरफेस एरिएशन और वैक्यूम ड्रेनेज सिस्टम है। यह प्रति मिनट 10,000 लीटर पानी निकाल सकता है, जिससे भारी बारिश के बाद भी 15-20 मिनट के भीतर पिच मैच खेलने लायक हो जाती है। लेकिन समुद्र तल से लगभग 3,000 फीट ऊपर बसा और अपनी सुखद जलवायु के लिए प्रसिद्ध बेंगलुरु शहर, जब भी बारिश होती है, बार-बार बाढ़ की समस्या से जूझता है।

हैरानी के बात ये है कि नीदरलैंड, जहां की लगभग 26 प्रतिशत जमीन समुद्र तल से नीचे है और वहां के एडवांस कोस्टल डिफेंस और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते बाढ़ दुर्लभ है, लेकिन बेंगलुरु जो इतना ऊंचाई पर बसा है, वहां लगातार बाढ़ आती है।

एक्सपर्ट इसका श्रेय 1990 के दशक में IT बूम से शुरू हुए दशकों के अनियोजित विकास को देते हैं। झीलों को भरकर उन्हें टेक पार्क, बस स्टेशन, स्टेडियम, सड़कें और रेजिडेंशियल लेआउट में बदल दिया गया। अब, प्रकृति बाढ़ के जरिए इन जगहों को फिर से वापस ले रही है।

जबकि बेंगलुरु स्टार्टअप्स और वेंचर पूंजीपतियों के साथ एक ग्लोबल डिजिटल हब के रूप में उभर रहा है, फिर भी इसके फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को नजरअंदाज किया गया, भले ही किसी भी राजनीतिक दल - कांग्रेस, बीजेपी, या JD(S) ने शहर पर शासन किया हो।

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