
कांग्रेस पार्टी के भीतर शशि थरूर को लेकर सबकुछ ठीक नहीं है, पार्टी आलाकमान के साथ तनाव काफी बढ़ चुका है। ये कुछ सवाल हैं जो शशि थरूर के पार्टी बैठकों से गायब रहने पर उठ रहे हैं। बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कांग्रेस सांसदों की एक बैठक हुई। कांग्रेस सांसदों की इस बैठक में शशि थरूर नहीं शामिल हुए। ये तीसरा मौका था जब इस प्रकार की बैठक में शशि थरूर शामिल नहीं हुए।
राहुल गांधी की बैठक से नदारद
बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में यह लगातार तीसरी मीटिंग है जिसमें थरूर मौजूद नहीं थे। इस मीटिंग की अध्यक्षता विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने की, जिसमें कांग्रेस के 99 सांसद शामिल हुए। इसमें विंटर सेशन के दौरान पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की गई और 19 दिसंबर को सत्र खत्म होने से पहले BJP के खिलाफ रणनीति तेज करने पर चर्चा हुई। लेकिन थरूर इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए ।तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर, हाल में पीएम मोदी और BJP के बारे में दिए गए अपने नरम बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उन्होंने X पर पोस्ट कर बताया कि वह कोलकाता में दो निजी कार्यक्रमों के कारण मौजूद नहीं थे, अपने पुराने सहयोगी जॉन कोशी की शादी और अपनी बहन स्मिता थरूर का जन्मदिन।
नवंबर में पहले भी दो बार गैरहाजिर रहे थे थरूर
नवंबर के आखिर से यह तीसरी बार है जब शशि थरूर पार्टी की महत्वपूर्ण बैठकों में शामिल नहीं हुए। 30 नवंबर को वह सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली स्ट्रैटेजी मीटिंग में भी नहीं पहुंचे। यह बैठक इसलिए खास थी क्योंकि थरूर उन G-23 नेताओं में शामिल रहे हैं जिन्होंने 2020 में खुले तौर पर सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। बाद में थरूर ने स्पष्ट किया कि वह अपनी 90 वर्षीय मां के साथ केरल से लौटते समय फ्लाइट में थे और इसी वजह से मीटिंग में पहुंच नहीं सके। उस बैठक में केसी वेणुगोपाल भी अनुपस्थित थे। शशि थरूर 18 नवंबर को हुई उस बैठक में भी शामिल नहीं हो पाए थे, जिसमें कांग्रेस ने विवादित वोटर री-वेरिफिकेशन प्रक्रिया पर अपनी आपत्तियाँ रखी थीं। उस समय उन्होंने खराब स्वास्थ्य को अपनी गैरहाजिरी की वजह बताया था।
बता दें कि, एक दिन पहले शशि थरूर एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण दिया था। PM के भाषण के कुछ हिस्सों की तारीफ करते हुए थरूर के सोशल मीडिया पोस्ट पर कांग्रेस नेताओं सुप्रिया श्रीनेत और संदीप दीक्षित ने नाराज़गी जताई। संदीप दीक्षित ने तो यहाँ तक कह दिया कि अगर थरूर को PM मोदी की सोच पसंद है, तो उन्हें कांग्रेस छोड़ देनी चाहिए।
थरूर ने इस आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि भारत जैसे संघीय ढांचे में अलग-अलग विचारधाराओं के लोग भी सहयोग कर सकते हैं और बातचीत जरूरी है। सूत्रों के अनुसार, थरूर ने पिछली बड़ी पार्टी बैठक में हिस्सा अक्टूबर में लिया था। यह केरल कांग्रेस यूनिट की लगभग छह घंटे लंबी रणनीति बैठक थी, जिसमें राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थे। यह बैठक अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर बेहद अहम थी।
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