डॉक्टर रामजीलाल जांगिड नहीं रहे। करीब 86 साल की उम्र में कल दोपहर उन्होंने नोएडा में अंतिम सांस ली। हिंदी पत्रकारिता और पत्रकारिता प्रशिक्षण में अग्रणी नाम था डॉक्टर जांगिड का। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में जब हिंदी पत्रकारिता का पाठ्यक्रम 1987 में शुरू किया गया, तो इसके संस्थापक पाठ्यक्रम निदेशक बने डॉक्टर जांगिड। अपने छात्रों, शिष्यों के बीच ‘जांगिड सर’ के नाम से मशहूर। संस्थान छोड़ने के बाद भी पूर्व छात्रों से जीवंत संपर्क, हमेशा खोज- खबर लेते रहना। अगर कोई बेरोजगार है, तो उसके लिए रोजगार की चिंता करना, नौकरी दिलाने का प्रयत्न करना। जो अच्छा कर रहा है, उसकी प्रगति देखकर खुश होना, उसको पुरस्कार दिलाने की सोचना।