Red Fort blast: प्रवर्तन निदेशालय लाल किला विस्फोट के पीछे की साजिश से जुड़े विवादित शैक्षणिक संस्थान अल-फलाह यूनिवर्सिटी की गहराई से जांच कर रहा है। साथ ही यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के पाकिस्तान यात्रा की भी जांच कि जा रही है।

Red Fort blast: प्रवर्तन निदेशालय लाल किला विस्फोट के पीछे की साजिश से जुड़े विवादित शैक्षणिक संस्थान अल-फलाह यूनिवर्सिटी की गहराई से जांच कर रहा है। साथ ही यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के पाकिस्तान यात्रा की भी जांच कि जा रही है।
बता दें कि सिद्दीकी, जिन्हें बुधवार देर रात 1 बजे एक विशेष अदालत ने 13 दिनों की ED हिरासत में भेजा, साल 2003 में पाकिस्तान गए थे। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार मोहम्मद परवेज भी पाकिस्तान गए थे। जांच वहीं, जांच अधिकारी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि दोनों वहां किस काम से गए थे।
ED ने विशेष अदालत को बताया कि सिद्दीकी पर अपनी अल-फलाह ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के जरिए 415 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है, जिस वजह से पुरे मामले की जांच की जा रही है। साथ ही जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि वह देश छोड़कर भाग सकते हैं, क्योंकि उन्होंने पहले ही अपने परिवार को खाड़ी देशों में स्थानांतरित कर दिया है।
छापेमारी में अल-फलाह यूनिवर्सिटी से हार्ड डिस्क और दस्तावेज जब्त
ईडी ने मंगलवार को अल-फलाह ग्रुप से जुड़े 25 ठिकनों की तलाशी ली थी। यही ग्रुप फरीदाबाद में एक अस्पताल और मेडिकल कॉलेज भी चलाता है। इसी दौरान सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को बताया कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी का अल-फलाह ट्रस्ट और यूनिवर्सीटी पर पूरा नियंत्रण था। वह ऐसे कई कंपनियों को भी चलाते थे जिनका इस्तेमाल ट्रस्ट के पैसों को इधर-उधर करने में किया जाता था।
जांच एजेंसी ने सिद्दीकी द्वारा नियंत्रित कम से कम 9 फर्जी संस्थाओं की पहचान की, जिनकी कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में तलाशी के दौरान, अधिकारियों को लाइब्रेरी में एक हार्ड डिस्क मिली, जिसमें सभी डिजिटल डिवाइसों, टैली डेटा आदि का बैकअप था और उसे अन्य दस्तावेजों के साथ जब्त कर लिया गया।
10 नवंबर को हुआ था कार बम धमाका
अल-फलाह यूनिवर्सिटी और उसके ट्रस्टियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तब शुरू हुई जब एक आत्मघाती हमलावर, जो यूनिवर्सिटी के फरीदाबाद परिसर में स्थित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर के रूप में काम करता था, ने 10 नवंबर को लाल किले के पास एक कार बम विस्फोट किया, जिसमें 15 लोग मारे गए और 30 से अधिक घायल हो गए।
इस आतंकी मामले में पहले ही अल-फलाह के दो अन्य डॉक्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो आत्मघाती हमलावर के सहयोगी थे।
देर रात बुलाई गई अदालत
एक सप्ताह में यह दूसरी बार है जब अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) की अदालत देर रात बुलाई गई। ASJ शीतल चौधरी प्रधान (साकेत कोर्ट्स) ने ईडी द्वारा रात 11 बजे सिद्दीकी को पेश करने के बाद अपने आवास पर अदालत बुलाई।
कार्यवाही रात 1 बजे समाप्त हुई, जिसमें न्यायाधीश ने सिद्दीकी को ईडी की हिरासत में भेज दिया। एजेंसी ने अदालत में तर्क दिया कि सिद्दकी ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के नाम पर गलत तरीके से NAAC और UGC मान्यता होने का दावा करके छात्रों और माता-पिता को धोखा दिया और लगभग 415 करोड़ रुपये की कमाई की।
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