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Swami Chaitanyananda Saraswati: 'पीएमओ लिंक, फर्जी पासपोर्ट और UN में स्थायी राजदूत', खुल गया बाबा चैतन्यानंद का काला चिट्ठा! दिल्ली पुलिस ने किए बड़े खुलासे

Delhi Ashram Case: जांच में खुलासा हुआ है कि चैतन्यानंद अपनी छवि और प्रभाव को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से अपने संबंधों का झूठा दावा करता था। बाबा के पास से दो फर्जी विजिटिंग कार्ड भी मिले है। एक कार्ड में उसने खुद को संयुक्त राष्ट्र (UN) का स्थायी राजदूत बताया है, और दूसरे में BRICS का भारतीय विशेष दूत होने का दावा किया है

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Sep 28, 2025 पर 4:14 PM
Swami Chaitanyananda Saraswati: 'पीएमओ लिंक, फर्जी पासपोर्ट और UN में स्थायी राजदूत', खुल गया बाबा चैतन्यानंद का काला चिट्ठा! दिल्ली पुलिस ने किए बड़े खुलासे
चैतन्यानंद पर दो बार 2009 और 2016 में छेड़छाड़ के आरोप लगे थे लेकिन तब अपने प्रभाव से बचने में सफल रहा था

Swami Chaitanyananda Saraswati: दिल्ली के एक आश्रम में 17 स्टूडेंट्स के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार बाबा चैतन्यानंद सरस्वती की पोल दिल्ली पुलिस ने खोल दी है। पुलिस की जांच में न केवल उसके आपराधिक चरित्र का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि पता चला है कि यह 'बाबा' फर्जीवाड़े, धोखाधड़ी और उच्च पदों से संबंध होने का झूठा दावा करने में भी लिप्त था। पुलिस ने चैतन्यानंद को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कई ठिकानों पर तलाशने के बाद आगरा से गिरफ्तार कर लिया है। आइए आपको बताते हैं जांच में क्या आया सामने।

दो फर्जी पासपोर्ट और नकली पहचान

पुलिस को जांच के दौरान चैतन्यानंद के पास से दो पासपोर्ट मिले, जो कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके हासिल किए गए थे। पहला पासपोर्ट 'स्वामी पार्थ सारथी' के नाम पर था, जिसमें उनके पिता का नाम स्वामी घनानंद पुरी (जो उनके पैन कार्ड से भी मेल खाता है) और माता का नाम शारदा अम्बा दर्ज था। जन्मस्थान दार्जिलिंग बताया गया था। वहीं दूसरा पासपोर्ट 'स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती' के नाम पर था, जिसमें पिता का नाम स्वामी दयानंद सरस्वती और माता का नाम शारदा अम्बल लिखा था। इसमें जन्मस्थान तमिलनाडु दर्ज था। यह दिखाता है कि यह 'बाबा' कितनी आसानी से अपनी पहचान बदलता रहता था।

UN और BRICS का 'फर्जी राजदूत'

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