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'सिर्फ दान से काम नहीं चलेगा, वोट भी दें', क्या बाबरी मस्जिद को सियासी हथियार बना रहे हैं हुमायूं कबीर?

हुमायूं कबीर का कहना है कि बाबरी मस्जिद के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए उनकी पार्टी को कम से कम 90 विधानसभा सीटें जीतनी होंगी। उन्होंने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी के पास 90 सीटें होंगी, तो राज्य की सत्ता की 'चाबी' उनके हाथ में होगी

Suresh Kumarअपडेटेड Dec 20, 2025 पर 7:36 PM
'सिर्फ दान से काम नहीं चलेगा, वोट भी दें', क्या बाबरी मस्जिद को सियासी हथियार बना रहे हैं हुमायूं कबीर?
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति लगातार तेज होती जा रही है।

पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति लगातार तेज होती जा रही है। इसी बीच भरतपुर से विधायक और TMC से निलंबित नेता हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद के मुद्दे को खुलकर चुनावी हथियार बनाने का संकेत दे दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि सिर्फ बाबरी मस्जिद के लिए दान देने से काम नहीं चलेगा, इसके लिए वोट भी देने होंगे।

हुमायूं कबीर ने कहा, "लोग बाबरी मस्जिद के लिए बहुत पैसा दे रहे हैं। ईंटें दे रहे हैं, ऑनलाइन चंदा भेज रहे हैं। लेकिन अगर वोट नहीं देंगे, तो यह मस्जिद कभी नहीं बनेगी। अगर BJP या TMC बहुमत से सरकार बनाती है, तो कोई भी बाबरी मस्जिद का निर्माण नहीं होने देगा।"

90 सीटों का लक्ष्य क्यों?

हुमायूं कबीर का कहना है कि बाबरी मस्जिद के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए उनकी पार्टी को कम से कम 90 विधानसभा सीटें जीतनी होंगी। उन्होंने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी के पास 90 सीटें होंगी, तो राज्य की सत्ता की 'चाबी' उनके हाथ में होगी।

उन्होंने कहा, "मुझे 90 सीटें जितवा दीजिए। तब सरकार की चाबी मेरे हाथ में होगी। वरना आप जितना भी पैसा और ईंटें देंगे, मैं उसका इस्तेमाल नहीं कर पाऊंगा।"

6 दिसंबर को रखी गई है मस्जिद की नींव

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