
भारत और अफगानिस्तान जल्द ही एक नया एयर फ्रेट कॉरिडोर शुरू करेंगे, जो काबुल को दिल्ली और अमृतसर से जोड़ेगा। इस घोषणा की जानकारी अफगानिस्तान के वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन अजीजी के नई दिल्ली के एक हफ़्ते के दौरे के दौरान दी गई। इस नए कॉरिडोर का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार, संपर्क और जरूरी सामानों की आवाजाही को आसान और तेज बनाना है। इसे भारत–अफगानिस्तान व्यापार संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
दिल्ली में हाई-लेवल मीटिंग
अफगान वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन अजीजी 19 से 25 नवंबर तक एक ट्रेड डेलीगेशन के साथ भारत दौरे पर थे। दिल्ली में उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की और दोनों ने भारत–अफ़गानिस्तान रिश्तों, कनेक्टिविटी और लोगों के बीच बढ़ते संपर्क पर बात की। इसके बाद अज़ीज़ी ने कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्री पीयूष गोयल के साथ डेलीगेशन-लेवल बातचीत की। इस बैठक में दोनों देशों ने माल ढुलाई के लिए काबुल–दिल्ली और काबुल–अमृतसर एयर रूट शुरू करने पर सहमति जताई। दोनों मंत्रियों ने यह भी खुशी जताई कि ट्रेड, बिज़नेस और इन्वेस्टमेंट पर जॉइंट वर्किंग ग्रुप लंबे समय बाद फिर से शुरू किया जा रहा है।
भारत और अफगानिस्तान जल्द ही अपनी एम्बेसी में कमर्शियल प्रतिनिधि तैनात करेंगे और व्यापार को सुचारू करने के लिए एक जॉइंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री भी बनाएंगे। माइनिंग जैसे हाई-वैल्यू सेक्टर में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। दौरे के दौरान अजीजी ने कॉमर्स राज्य मंत्री जितिन प्रसाद से भी अलग मुलाकात की।
लॉन्ग-टर्म सप्लाई चेन पर ध्यान
मंत्री नूरुद्दीन अज़ीज़ी और उनका डेलीगेशन इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF 2025) पहुंचा, जहां अफगान व्यापारी भी हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने पूरे एग्जिबिशन का दौरा किया और कई भारतीय ट्रेड संगठनों—जैसे APEDA, TEXPROCIL, CCI, AEPC, MATEXIL, PHDCCI, ASSOCHAM और PHARMEXCIL—से मुलाकात की। इन बैठकों में अफगानिस्तान को कृषि उत्पाद, दवाइयां, टेक्सटाइल और अन्य जरूरी सामान लंबे समय तक स्थिर सप्लाई के तरीके तलाशने पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने सप्लाई चेन को मज़बूत करने और कमर्शियल रिश्तों को और स्थिर बनाने पर विचार किया।
आर्थिक रिश्ते दोबारा मजबूत करने की कोशिश
भारत ने कहा कि अजीजी का यह दौरा दिखाता है कि दोनों देश व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग को फिर से मजबूत करने के लिए गंभीर हैं। नई दिल्ली ने दोहराया कि भारत काबुल के साथ मिलकर ऐसी आर्थिक साझेदारी बनाना चाहता है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लगातार फायदा मिले।
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