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IndiGo Crisis: 'एयरलाइंस 40,000 रुपये कैसे चार्ज कर सकती हैं'; इंडिगो संकट पर दिल्ली हाई कोर्ट का केंद्र से तीखा सवाल

IndiGo Crisis: दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडिगो संकट पर केंद्र सरकार से पूछा कि यात्रियों को एक तरफ के टिकट के लिए 40,000 रुपये तक क्यों देने पड़े। इंडिगो की सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल होने से प्रभावित यात्रियों के लिए मदद और रिफंड की मांग करने वाली एक PIL पर सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा, "यह काफी बड़ा संकट है"

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Dec 10, 2025 पर 2:19 PM
IndiGo Crisis: 'एयरलाइंस 40,000 रुपये कैसे चार्ज कर सकती हैं'; इंडिगो संकट पर दिल्ली हाई कोर्ट का केंद्र से तीखा सवाल
IndiGo flight cancellations: IndiGo Crisis: दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडिगो क्राइसिस पर कहा, "यह काफी बड़ा संकट है"

IndiGo Crisis: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से बुधवार (10 दिसंबर) को सवाल किया कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई जिसके कारण इंडिगो की कई उड़ान रद्द करनी पड़ीं। अदालत ने इन हालात को 'संकट' करार दिया। हाई कोर्ट ने बढ़ते हवाई किराए और इंडिगो संकट से निपटने के तरीके पर केंद्र से तीखा सवाल किया। अदालत ने पूछा कि यात्रियों को एक तरफ के टिकट के लिए 40,000 रुपये तक क्यों देने पड़े।

इंडिगो की सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल होने से प्रभावित यात्रियों के लिए मदद और रिफंड की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा, "यह काफी बड़ा संकट है।"

कोर्ट ने पूछा कि स्थिति को पहले ही बिगड़ने क्यों दिया गया। हाई कोर्ट ने कहा कि फंसे हुए यात्रियों को हुई परेशानी और उत्पीड़न के अलावा, यह अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान का भी सवाल है। पीठ ने यह सवाल भी किया कि ऐसी संकटपूर्ण स्थिति में अन्य विमानन कंपनियां हालात का फायदा उठाकर यात्रियों से टिकटों के लिए भारी कीमत कैसे वसूल सकती हैं।

केंद्र और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ओर से पेश वकील ने अदालत को सूचित किया कि कानूनी प्रावधान पूरी तरह लागू हैंइंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है, जिसने काफी क्षमायाचना की है। सरकार के वकील ने यह भी कहा कि यह संकट कई दिशानिर्देशों के अनुपालन न करने के कारण पैदा हुआ। इनमें चालक दल के सदस्यों के उड़ान की ड्यूटी के घंटों से संबंधित नियम भी शामिल हैं।

अदालत इंडिगो द्वारा सैकड़ों उड़ान रद्द किए जाने से प्रभावित यात्रियों को सहायता और भुगतान राशि वापस दिलाने के लिए केंद्र को निर्देश देने संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि यह मामला एयरपोर्ट पर किसी व्यक्ति को परेशान करने से कहीं अधिक है। इसका आर्थिक असर भी बड़ा है।

कोर्ट ने पूछा, "हम आपकी कोशिशों की तारीफ करते हैं, लेकिन इस स्थिति को पैदा करने में सरकार की क्या नाकामी रही? यह सिर्फ एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों का सवाल नहीं है। सवाल अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान का भी है? लोगों की मदद करने और उन्हें मुआवज़ा देने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं?" बेंच ने फंसे हुए यात्रियों के साथ एयरलाइन स्टाफ का ठीक से व्यवहार पक्का करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी।

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