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'जब जनता साथ हो तो आतंकवाद भी खत्म हो जाता है', पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद LG मनोज सिन्हा का इंटरव्यू

दुनिया भर में जहां भी इस तरह के आतंकवाद की घटनाएं होती हैं या कॉन्फ्लिक्ट जोन जिन्हें हम कहते हैं वहां जब आवाम खड़ी होती है तो मुझे लगता है कि आतंकवाद भी खत्म होता है। वहीं सिक्योरिटी फोर्सेस खासकर जम्मू कश्मीर पुलिस ने यहां बहुत ही सराहनीय काम किया है

Edited By: Abhishek Guptaअपडेटेड Jul 13, 2025 पर 11:30 AM
'जब जनता साथ हो तो आतंकवाद भी खत्म हो जाता है', पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद LG मनोज सिन्हा का इंटरव्यू
जम्मू कश्मीर में उत्सव का एक माहौल है। यहां की आवाम और आम आदमी तीर्थ यात्रियों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तत्पर है

LG Manoj Sinha's Interview: पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद लॉन्च किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा जी का यह पहला इंटरव्यू है। सबसे पहले तो आपको धन्यवाद कि आपने न्यूज 18 को इसके लिए चुना। लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि आपको धन्यवाद कि आप यहां तक आए। आइए आपको बताते हैं कि पहलगाम आतंकी हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर पर क्या कहा LG मनोज सिन्हा ने।

सवाल: जब पहलगाम की घटना हुई और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर हुआ। देश में लोगों के मन में एक जम्मू कश्मीर को लेकर डर बैठ गया कि जाना चाहिए या नहीं जाना चाहिए? क्या कश्मीर के हालात पूरी तरीके से सामान्य हो गए हैं? ऐसा हम मान सकते हैं। और अगर सामान्य हो गए हैं तो बहुत सारे टूरिस्ट स्पॉट्स को आप लोगों ने बंद कर दिया था। उनको कब तक पूरी तरीके से खोल दिया जाएगा?

लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा: नहीं ये सच है कि 22 अप्रैल को जो घटना बैसरन घाटी में हुई उसके कारण पहलगाम में एक दहशत का वातावरण पैदा हुआ। जिस तरह से निर्दोष निरपराध लोगों को निशाना बनाया गया। उससे स्वाभाविक रूप से एक भय का वातावरण बना है। लेकिन उसमें एक जो सिल्वर लाइनिंग है उसको भी मुझे लगता है कि उस पर ध्यान देने की जरूरत है। शायद 50 वर्षों में पहली बार जम्मू कश्मीर की आवाम स्वतः स्फूर्त स्पॉनटेनियस जिस तरह से आतंकवाद और खासतौर से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ उठ के खड़ा हुआ है। ये इसे मैं एक बहुत शुभ संकेत मानता हूं। दुनिया भर में जहां भी इस तरह के आतंकवाद की घटनाएं होती हैं या कॉन्फ्लिक्ट जोन जिन्हें हम कहते हैं जब आवाम खड़ी होती है तो मुझे लगता है कि आतंकवाद भी खत्म होता है। सिक्योरिटी फोर्सेस जम्मू कश्मीर पुलिस ने बहुत ही सराहनीय काम किया है। मैं उस आंकड़े पर बाद में आऊंगा। सामान्य तौर पर एक धारणा यहां थी कि आतंकवादियों के द्वारा टूरिस्ट पर कभी अटैक नहीं किया गया था। अधिकांश जो प्रमुख पर्यटक स्थल है वो वहां सुरक्षा बल पर्याप्त संख्या में है।

ये जो घटना जहां हुई वहां एक सरकारी कमरा भी नहीं है। कई लोग सवाल उठाते हैं उस बहस में मैं नहीं पड़ना चाहता हूं। उसके बाद एक सिक्योरिटी रिव्यू में यह फैसला किया गया था कि फिलहाल के लिए ऐसे टूरिस्ट स्पॉट जहां हम सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं उसको थोड़ी देर के लिए बंद करते हैं। लेकिन उसमें से अधिकांश हमने फैसला करके खोल दिया है। कुछ स्थान बचे हैं। जिस दिन हमने रिव्यू करके 15 या 16 स्थान खोले थे। उस दिन हमने कहा था कि फेज वाइज जो बाकी स्थान है वह भी खोल दिए जाएंगे। लेकिन यह जरूर तय किया कि जहां भी पर्यटक स्थल है। पर्यटकों को जाने की अनुमति जहां मिलेगी वहां सुरक्षा बलों का चाक चौबंद प्रबंध है। यह जरूर किया जाएगा। अभी श्री अमरनाथ जी की यात्रा चल रही है। कुछ दिन बाद फिर रिव्यू करके जो बाकी स्थान है उन्हें भी खोलने की कोशिश जल्द से जल्द की जाएगी।

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