जस्टिस यशवंत वर्मा ने शनिवार 5 अप्रैल को इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज के रूप में शपथ ग्रहण ली। हालांकि नोट बरामदगी मामले में घिरे होने के कारण उन्हें जांच पूरी होने तक कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपा जाएगा। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि जब तक नोट बरामदगी मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक जस्टिस वर्मा को कोई भी न्यायिक जिम्मेदारी न दी जाए। जस्टिस यशवंत वर्मा को नोट बरामदगी मामले में घिरने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट से ट्रांसफर करके भेजा गया है।