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Karnataka Caste Census: 'हिंदू समाज को बांटने की कोशिश कर रही कांग्रेस'; कर्नाटक जाति जनगणना पर BJP ने उठाए सवाल

Karnataka Caste Census 2025: कर्नाटक में जाति जनगणना सोमवार (22 सितंबर) से शुरू हो चुका है। हालांकि, ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र में आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के लिए इस प्रक्रिया में एक-दो दिन की देरी हो सकती है। कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा 7 अक्टूबर तक चलने वाले इस सर्वेक्षण में 1.75 लाख गणनाकार शामिल होंगे

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Sep 22, 2025 पर 7:43 PM
Karnataka Caste Census: 'हिंदू समाज को बांटने की कोशिश कर रही कांग्रेस'; कर्नाटक जाति जनगणना पर BJP ने उठाए सवाल
Karnataka Caste Census 2025: बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर हिंदुओं को बांटने का आरोप लगाया है

Karnataka Caste Census 2025: कर्नाटक में सोमवार (22 सितंबर) से शुरू हुए 'जाति जनगणना' के नाम से जाना जाने वाला 'सामाजिक एवं शिक्षा सर्वे' पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सवाल उठाए हैं। बीजेपी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हिंदू समाज को विभाजित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। सामाजिक एवं शिक्षा सर्वेक्षण को 'जाति जनगणना' नाम से जाना जाता है। उन्होंने जाति जनगणना को राज्य सरकार की दुस्साहस करार देते हुए कहा कि सिद्धारमैया सरकार के पास ऐसा सर्वेक्षण करने का कोई अधिकार नहीं है।

बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर हिंदुओं को बांटने का आरोप लगाया है। विजयेंद्र ने कहा, "जाति जनगणना का मामला कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंच गया है। मुख्यमंत्री, जिन्हें राज्य के विकास के बारे में सोचना चाहिए, वह हिंदू समाज को विभाजित करने के प्रयासों में शामिल हो रहे हैं। यह राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।"

उन्होंने पत्रकारों से कहा, "लोग इस पर चर्चा कर रहे हैं। लोग और समाज अब जागरूक हो गए हैं, लेकिन हिंदू समाज को और अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। राज्य सरकार का यह दुस्साहस है । उनके पास जाति जनगणना कराने का कोई अधिकार नहीं है, निंदनीय! देखते हैं अदालत में क्या होता है।"

7 अक्टूबर तक चलने वाले कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के इस सर्वेक्षण में 1.75 लाख गणनाकर्ता शामिल होंगे, जिनमें ज्यादातर सरकारी स्कूल के शिक्षक होंगे। राज्य भर के लगभग दो करोड़ घरों के लगभग सात करोड़ लोगों की जनगणना होगी। अधिकारियों के अनुसार, 420 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाला यह सर्वेक्षण वैज्ञानिक रूप से किया जाएगा, जिसके लिए 60 सवाल तैयार किए गए हैं।

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