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कर्नाटक सरकार ने गिग वर्कर्स के वेल्फेयर के लिए नए कानून को नोटिफाय किया, जानिए इस कानून में क्या है

इस एक्ट में गिग वर्कर्स के लिए एक अलग वेल्फेयर बोर्ड बनाने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा पूरे राज्य के रजिस्टर्ड वर्कर्स के लिए एक सोशल सिक्योरटी और वेल्फेयर फंड भी बनाया जाएगा। इस फंड को प्लेटफॉर्म्स, गिग वर्कर्स, सरकार और दूसरे स्रोतों से कंट्रिब्यूशन मिलेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 12, 2025 पर 11:11 PM
कर्नाटक सरकार ने गिग वर्कर्स के वेल्फेयर के लिए नए कानून को नोटिफाय किया, जानिए इस कानून में क्या है
इस एक्ट के दायरे में कर्नाटक के सभी एग्रीगेटर्स और प्लेटफॉर्म्स आएंगे। ऐसे प्लेटफॉर्म के लिए काम करने के लिए सभी वर्कर्स को बोर्ड के पास रिजस्ट्रेशन कराना होगा।

कर्नाटक सरकार ने 12 सितंबर को कर्नाटक प्लेटफॉर्म-बेस्ड गिग वर्कर्स (सोशल सिक्योरिटी एंड वेल्फेयर) एक्ट, 2025 को नोटिफाय कर दिया। इसमें हर ट्रांजेक्शन पर वर्कर को दिए जाने वाले पेआउट पर 1-5 फीसदी की वेल्फेयर फीस लगाई जाएगी। यह एक्ट गिग वर्कर्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए पारित किया गया है। इस एक्ट के जरिए गिग वर्कर्स के लिए सोशल सिक्योरिटी, ऑक्युपेशनल हेल्थ और सेफ्टी सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है।

वेल्फेयर फंड बनाने का प्रस्ताव

इस एक्ट में गिग वर्कर्स के लिए एक अलग वेल्फेयर बोर्ड बनाने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा पूरे राज्य के रजिस्टर्ड वर्कर्स के लिए एक सोशल सिक्योरटी और वेल्फेयर फंड भी बनाया जाएगा। इस फंड को प्लेटफॉर्म्स, गिग वर्कर्स, सरकार और दूसरे स्रोतों से कंट्रिब्यूशन मिलेगा। इस फंड का 5 फीसदी से ज्यादा एडिमिनिस्ट्रेटिव कामों पर खर्च नहीं होगा। इस एक्ट के तहत ऐसे गिग वर्कर्स आएंगे, जो एग्रीगेटर और प्लेटफॉर्म्स के जरिए सेवाएं देते हैं। राइड-शेयरिंग सर्विसेज, फूड एंड ग्रॉसरी डिलीवरी सर्विसेज और लॉजिस्टिक्स सर्विसेज भी इस एक्ट के तहत आएंगी।

कर्नाटक के सभी एग्रीगेटर्स और प्लेटफॉर्म आएंगे

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