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लालू हुए ‘लो-प्रोफाइल’, जहां कभी लगता था जनता दरबार, अब सन्नाटा, RJD की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत!

सूत्रों ने बताया कि नए घर में कड़े नियम लागू हैं। बिना बताए कोई मीटिंग नहीं होती, आने-जाने वालों की जांच होती है और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी पहले से अनुमति लेनी पड़ती है। घर का मुख्य ध्यान अब लालू यादव की सेहत और उनके आराम पर है। डॉक्टरों की टीम नियमित रूप से घर आती है, और घर का माहौल शांत रखा जाता है

Curated By: Shubham Sharmaअपडेटेड Nov 30, 2025 पर 4:33 PM
लालू हुए ‘लो-प्रोफाइल’, जहां कभी लगता था जनता दरबार, अब सन्नाटा, RJD की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत!
लालू हुए ‘लो-प्रोफाइल’, जहां कभी लगता था जनता दरबार, अब सन्नाटा, RJD की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत!

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, जिनके घर कभी बिहार की सबसे भीड़भाड़ वाली राजनीतिक जगहों में गिने जाते थे, अब एक नए और सख्त नियमों वाले घर में शिफ्ट हो गए हैं। यह बदलाव उनके निजी जीवन और पार्टी दोनों के लिए बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है। कई दशकों तक लालू यादव के घर खुले राजनीतिक दरबार की तरह चलते थे। चाहे 1, अणे मार्ग का मुख्यमंत्री आवास हो या 10, सर्कुलर रोड का पारिवारिक घर- गांवों के लोग, समर्थक, पत्रकार, नेता और मंत्री बिना रोक-टोक आते-जाते थे। कई बार तो मवेशी और लोगों की बड़ी भीड़ भी अंदर नजर आ जाती थी। अब यह दौर खत्म होता दिख रहा है।

NDTV के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि नए घर में कड़े नियम लागू हैं। बिना बताए कोई मीटिंग नहीं होती, आने-जाने वालों की जांच होती है और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी पहले से अनुमति लेनी पड़ती है। घर का मुख्य ध्यान अब लालू यादव की सेहत और उनके आराम पर है।

डॉक्टरों की टीम नियमित रूप से घर आती है, और घर का माहौल शांत रखा जाता है। राजनीतिक बातचीत भी बहुत सीमित और कम समय की होती है।

मुख्यमंत्री रहने के समय 1, अणे मार्ग लोगों की शिकायतें सुनने का बड़ा केंद्र था। पूरे बिहार से लोग यहां अपनी अर्जियां लेकर आते थे, पत्रकार सुबह से मौजूद रहते थे, और मंत्री बिना अपॉइंटमेंट के अंदर चले जाते थे।

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