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MSc गणित के छात्र बेटे को इंटरनल परीक्षा में मिले 1 नंबर, सदमे में पिता की मौत से मामला गर्माया

बच्चों का पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन मां-बाप को दिली खुशी देता है। लेकिन उनके कम नंबर किसी भारी बोझ से कम नहीं होते हैं। ऐसा ही कुछ गोरखपुर के डीडीयू यूनिवर्सिटी में देखने को मिला। यहां एमएससी गणित के छात्र के इंटरनल परीक्षा में 1 नंबर आने के सदमे से पिता की मौत हो गई। जानिए पूरा मामला

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 04, 2025 पर 9:44 PM
MSc गणित के छात्र बेटे को इंटरनल परीक्षा में मिले 1 नंबर, सदमे में पिता की मौत से मामला गर्माया
इंटरनल परीक्षा में एक नंबर मिलने के सदमे से एमएससी छात्र के पिता की मौत। डीडीयू में मामला गर्माया

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक बेहद हैरान वाक्या सामने आया है। यहां के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में 2024-25 सत्र के एमएससी गणित सेकेंड ईयर के छात्र को इंटरनल परीक्षा में 25 में से एक नंबर मिले। पिता जब इसकी शिकायत लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के पास पहुंचे तो उन्हें किसी ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। इस बात का उन्हें इतना गहरा सदमा लगा कि वो वहीं बेहोश होकर गिर गए और सदमे से उनकी मौत हो गई।

इस छात्र का नाम आयुष मिश्रा बताया जा रहा है और वो घटना के समय पिता के साथ ही थे। आयुष गणित की इंटरनल परीक्षा में कम नंबर की शिकायत लेकर गोरखपुर यूनिवर्सिटी में गणित के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट से मिलने गए थे। यहीं उनके पिता बेहोश हो गए। आनन फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना से पूरे विश्वविद्यालय में अफरा-तफरी मच गई।

आयुष देवरिया के भलुअनी के निवासी हैं और गोरखपुर विश्वविद्यालय से गणित में एमएससी कर रह हैं। उन्होंने बताया कि क्लासिकल मैकेनिक्स पेपर (75 अंक) में उन्हें 34 नंबर मिले, लेकिन इंटरनल में केवल एक नंबर दिया गया। इससे पहले के चार सेमेस्टर में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है और उन्हें 78 से 85% तक नंबर मिले हैं। इतने कम नंबर के बारे में उन्होंने 17 जुलाई को लिखित शिकायत भी की थी और कई बार विभागाध्यक्ष से भी मिले थे, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इतने कम नंबर आने की वजह से छात्र का बैक पेपर लग गया। इसकी शिकायत लेकर वह डेढ़ महीने से यूनिवर्सिटी के चक्कर लगा रहे थे।

हालांकि गणित के प्रभारी एचओडी प्रो राजवंत राय ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह मामला उनके कार्यकाल का नहीं है। कुलपति के आदेश पर मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि छात्र की अटेंडेंस कम थी और उसके एक्सटरनल में कम नंबर आए थे। कॉपी की जांच के बाद नंबर बढ़ाने की गुंजाइश नहीं मिली।

यह घटना सोमवार की है, जब आयुष के पिता यूनिवर्सिटी प्रशासन से खुद मिलने पहुंचे थे। आयुष अब यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ शिकायत करने की तैयार कर रहा है। उनका कहना है कि पिता के ब्रह्मभोज के बाद इस बारे में शिकायत दर्ज कराएंगे। विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों का कहना है कि इस तरह की गड़बड़ियां अब आम हो गई हैं। इस घटना के बाद से डीडीयू के छात्रों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है।

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