इस साल मई की शुरुआत में पाकिस्तान को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की ओर से कर्ज दिए जाने के समय भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। भारत ने कहा था कि देश का रिकॉर्ड खराब है और वह क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म के लिए फंड का गलत इस्तेमाल करता है। भारत ने आतंकवाद संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान के लोन प्रोग्राम्स पर IMF के मतदान से परहेज किया था। लेकिन भारत के पुरजोर विरोध के बावजूद IMF के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के साथ अपने 7 अरब डॉलर के प्रोग्राम के पहले रिव्यू को मंजूरी दे दी। इससे पाकिस्तान के लिए IMF की ओर से 1 अरब डॉलर का फंड क्लियर हो गया।