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Indus Water Treaty: सिंधु नदी का पानी बंद होने से सूख गया पाकिस्तान का गला! भारत के सामने नाक रगड़ रहे शहबाज, 4 बार लिख चुके हैं लेटर

Indus Water Treaty: पाकिस्तान ने अब तक सिंधु जल संधि (IWT) के निलंबन पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत को चार पत्र भेजे हैं। उसने भारत से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इन चार लेटर में से तीन 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भेजा गया है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Jun 07, 2025 पर 10:34 AM
Indus Water Treaty: सिंधु नदी का पानी बंद होने से सूख गया पाकिस्तान का गला! भारत के सामने नाक रगड़ रहे शहबाज, 4 बार लिख चुके हैं लेटर
Indus Water Treaty: ऑपरेशन सिंदूर के बाद सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान ने भारत को 4 पत्र भेजे हैं

Indus Water Treaty: 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान सिंधु जल संधि बहाल करने की अपील करते हुए भारत को लगातार पत्र भेज रहा है। पाकिस्तान ने अब तक सिंधु जल संधि (IWT) के निलंबन पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत को चार पत्र भेजे हैं। उसने भारत से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इन चार लेटर में से तीन 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भेजा गया है। सूत्रों ने बताया कि ये चार लेटर पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत के जल मंत्रालय के सचिव देबाश्री मुखर्जी को भेजे थे। इसके बाद मंत्रालय ने उन्हें विदेश मंत्रालय (MEA) को भेज दिया।

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था। पहलगाम हमले के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। सूत्रों की मानें तो भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद दोनों देशों के बीच बहने वाली छह नदियों के पानी का अपनी तरह से इस्तेमाल करने के लिए प्लान तैयार कर रहा है।

इसके तहत ब्यास नदी और गंगा को जोड़ने के लिए 120 किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण की योजना है। एक सूत्र ने बताया सिंधु नदी को दिल्ली यमुना से जोड़ने का प्लान है। अगर ये दोनों प्रोजेक्ट आगे बढ़ती हैं तो दिल्लीवालों के लिए पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट से दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों की पानी की समस्या भी हल हो जाएगी।

सूत्रों के अनुसार शुरुआती चरण के प्रोजेक्ट अगले दो से तीन साल में पूरे हो जाने के आसार हैं। कई मंत्रालयों के अधिकारी प्रोजेक्ट के DPR (Detailed Project Report) पर काम कर रही है। सरकार ने कहा है कि काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। दो से तीन साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।

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