Get App

Rupee Depreciation: इमिग्रेशन पर सख्ती के दौर में महंगाई की मार, गिरते रुपए से विदेश में पढ़ाई का खर्च 7-10% तक बढ़ा

Rupee Depreciation: ओवरसीज एजुकेशन और इमिग्रेशन कंसल्टेंट्स के मुताबिक सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि कनाडा ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन देशों में पढ़ने का खर्च पिछले एक साल में लगभग 7 से 10% तक बढ़ गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 10, 2025 पर 5:50 PM
Rupee Depreciation: इमिग्रेशन पर सख्ती के दौर में महंगाई की मार, गिरते रुपए से विदेश में पढ़ाई  का खर्च 7-10% तक बढ़ा
डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी से पढ़ाई के लिए विदेश गए बच्चों का खर्च बढ़ गया है।

Rupee Depreciation: डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी से पढ़ाई के लिए विदेश गए बच्चों का खर्च बढ़ गया है। कॉलेज की फीस में सालाना करीब 7 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और पेरेंट्स के लिए खर्च पूरा करने की चुनौती बड़ी हो गई है।

नोएडा में रहने वाले पेशे से किसान ब्रिज कुमार ने पिछले साल फरवरी में अपने बेटे जतिन का दाखिला MBA कोर्स के लिए कनाडा की एक यूनिवर्सिटी में करवाया था। जतिन की पहले साल की फीस उन्होंने जमीन बेच कर पूरी कर दी लेकिन दूसरे साल में अब पढ़ाई समेत रहने और खाने पीने का खर्च बढ़कर सवा लाख के बजाय पौने दो लाख प्रति महीने तक पहुंच गया है। जिससे पूरा परिवार मुश्किल में है।

यही हाल ग्रेटर नोएडा के दनकौर में रहने वाले रामबीर तिवारी का भी है जिनका बेटा आकाश एम टेक की पढ़ाई के लिए पिछले साल अगस्त में अमेरिका के न्यू जर्सी की एक यूनिवर्सिटी गया है।

ओवरसीज एजुकेशन और इमिग्रेशन कंसल्टेंट्स के मुताबिक सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि कनाडा ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन देशों में पढ़ने का खर्च पिछले एक साल में लगभग 7 से 10% तक बढ़ गया है। पिछले 15 साल से कंसल्टेंसी दे रहे संचित गुप्ता का कहना है कि एजुकेशन लोन लेकर विदेश में बच्चे पढ़ाने वाले पेरेंट्स कर्ज के दलदल में फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें