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GPS Spoofing: दिल्ली समेत प्रमुख हवाई अड्डों पर सामने आईं GPS 'स्पूफिंग' की घटनाएं, जानिए आखिर क्या होता है ये?

GPS Spoofing Delhi Airport: उड्डयन मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि GPS स्पूफिंग की घटनाएं केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं हैं। उन्हें कोलकाता, अमृतसर, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई हवाई अड्डों से भी इस तरह के हस्तक्षेप की रिपोर्ट मिल रही हैं

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Dec 02, 2025 पर 11:54 AM
GPS Spoofing: दिल्ली समेत प्रमुख हवाई अड्डों पर सामने आईं GPS 'स्पूफिंग' की घटनाएं, जानिए आखिर क्या होता है ये?
उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए एयरपोर्ट पर IT नेटवर्क और बुनियादी ढांचे के लिए उन्नत साइबर सुरक्षा समाधान लागू किए जा रहे हैं

GPS Spoofing: नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने राज्यसभा में बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे के पास की उड़ानों में 'स्पूफिंग' की घटनाएं सामने आई हैं। फिलहाल सरकार ने इसके स्रोत का पता लगाने के लिए वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन (WMO) को जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाओं के बाद भी ट्रेडिशनल नेविगेशनल उपकरणों के चालू रहने के कारण उड़ान संचालन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। आइए आपको बताते हैं आखिर क्या होगा है GPS स्पूफिंग?

क्या है GPS स्पूफिंग?

ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) की स्पूफिंग नेविगेशन प्रणालियों में हेरफेर करने का एक प्रयास है, जिससे वे गलत स्थिति, गति या समय प्रदर्शित करती हैं। स्पूफिंग अक्सर जैमिंग से भ्रमित होती है। यह विमानों को झूठा लेकिन विश्वसनीय नेविगेशन डेटा फीड करने को संदर्भित करता है, जिससे पायलटों को लगता है कि वे एक अलग स्थान पर हैं। वहीं जैमिंग में उस स्पेक्ट्रम को भर दिया जाता है जिस पर GPS उपग्रह काम करते हैं, जिससे सिग्नल पूरी तरह से बाधित हो जाते हैं। GPS स्पूफिंग के प्रयास सफल होने पर मार्ग या ऊंचाई में हेर-फेर करके उड़ानों के लिए गंभीर खतरा पैदा किया जा सकता है।

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