अब ये लगभग पूरी तरह साफ हो चुका है कि पिछले साल 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले जब INDIA एक साथ आया था, अब वो बहुत कमजोर पड़ गया है। गर्मजोशी की जगह अब खटास भरे संबंधों ने ले ली है। हालांकि, ज्यादातर लोगों को एकसाथ आए इन विपक्षी दलों का अब अलग-अलग होना हैरान नहीं कर रहा है। इस बिगड़ते पेस के पीछे का एक बड़ा कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव है, जिसमें तृणमूल कांग्रेस (TMC), शिवसेना (UBT) और समाजवादी पार्टी (SP) ने कांग्रेस के बजाय आम आदमी पार्टी (AAP) को अपना समर्थन देने का वादा किया था।