Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख और बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह फिर से जेल से बाहर आ चुका है। अपने दो अनुयायियों से रेप के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा विवादास्पद राम रहीम सिंह पांच अक्टूबर को हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पैरोल पर बाहर आया है। सूत्रों ने मंगलवार (1 अक्टूबर) को बताया कि चुनाव आयोग ने शर्तों के साथ डेरा प्रमुख की पैरोल की याचिका को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस बारे में अंतिम फैसला हरियाणा सरकार को करना था।
गुरमीत राम रहीम सिंह ने 20 दिन की पैरोल का अनुरोध किया था। यह अनुरोध पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले किया गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण डेरा प्रमुख का पैरोल का आवेदन निर्वाचन कार्यालय को भेज दिया गया था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मंगलवार को रेप-मर्डर के दोषी डेरा प्रमुख को चुनाव आयोग ने 'इमरजेंसी पैरोल' की मंजूरी दे दी।
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने तीन शर्तों के साथ पैरोल याचिका को मंजूरी दी है। इस अवधि के दौरान हरियाणा में प्रवेश करने पर रोक है। साथ ही वह किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता। उसे सोशल मीडिया के माध्यम से भी चुनाव संबंधी गतिविधियों में भाग लेने से बचना होगा।
राम रहीम ने 5 अक्टूबर को अपने पिता मगहर सिंह की पुण्यतिथि के लिए 20 दिन की पैरोल मांगी थी। राम रहीम को अपने अनुयायियों के वोटों को प्रभावित करने की क्षमता के कारण लगभग दो दशकों तक पंजाब और हरियाणा में राजनीतिक नेताओं और पार्टियों का संरक्षण प्राप्त था।
डेरा प्रमुख ने अनुमति मिलने की सूरत में पैरोल अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश के बागपत में रहने की बात कही है। इस साल अगस्त में सिंह को 21 दिन की फरलो (छुट्टी) दी गई थी। इससे पहले भी सिंह के कुछ पैरोल और फरलो पंजाब, हरियाणा और पड़ोसी राज्यों में चुनावों के साथ मेल खाते थे। उसे पंजाब विधानसभा चुनाव से लगभग दो हफ्ते पहले 7 फरवरी, 2022 से तीन हफ्ते की फरलो दी गई थी।
शर्तों के साथ 4 साल में 15वीं फैरोल
गुरमीत राम रहीम की पिछले 9 महीनों में यह तीसरी अस्थायी रिहाई है और पिछले चार सालों में 15वीं। इंडिया टुडे के मुताबिक, पैरोल अवधि के दौरान डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को हरियाणा में एंट्री करने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। साथ ही उसे व्यक्तिगत रूप से या सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी चुनाव अभियान गतिविधियों में भाग लेने से रोक दिया गया है।
गुरमीत राम रहीम 13 अगस्त को दी गई 21 दिन की छुट्टी के बाद 2 सितंबर को जेल वापस चला गया। 2020 से अब तक डेरा प्रमुख को 14 बार अस्थायी रिहाई दी गई है, जो कुल 259 दिन की है। यह रिहाई छुट्टी और पैरोल के जरिए दी गई है। राम रहीम को 19 जनवरी को लोकसभा चुनाव से पहले पैरोल मिली थी। इसी तरह, 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान डेरा प्रमुख को 7 फरवरी से 27 फरवरी तक 21 दिन की छुट्टी दी गई थी।
वहीं, 17 जून, 2022 को उसकी 8वीं रिहाई भी हरियाणा नगर निगम चुनावों के साथ हुई। हत्या और बलात्कार के दोषी पाए जाने के बाद राम रहीम 20 साल की सजा काट रहा है। इससे पहले हाईकोर्ट ने राम रहीम की अपनी पालक बेटियों की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल की याचिका खारिज कर दी थी।
अगस्त 2017 में दो महिलाओं से बलात्कार के आरोप में स्वयंभू बाबा को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 2019 में पंचकूला की एक विशेष CBI अदालत ने भी उसे और तीन अन्य को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 25 अगस्त, 2017 को उसकी सजा के कारण पंचकूला और सिरसा में हिंसा भड़क गई थी। इसमें 41 लोग मारे गए थे और 260 से अधिक लोग घायल हुए थे। राम रहीम फिलहाल हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ से 250 किलोमीटर दूर रोहतक की हाई सिक्योरिटी वाली सुनारिया जेल में बंद है।