मध्यप्रदेश क्यों नहीं जा रहे राहुल गांधी? एक महीने पहले की थी आखिरी रैली, बहन प्रियंका ने संभाला मोर्चा

Madhya Pradesh Election: राहुल गांधी करीब एक महीने से चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में नहीं गए हैं। हालांकि उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस दौरान बखूबी मोर्चा संभाला हुआ है। प्रियंका ने सोमवार को इंदौर में कमलनाथ के बिना अकेले बड़ी रैली को संबोधित किया। उनका अधिक फोकस महिला मतदाताओं पर था, जो बड़ी संख्या में उन्हें सुनने के लिए आई थीं।

अपडेटेड Nov 07, 2023 पर 7:05 PM
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Madhya Pradesh Election: राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में आखिरी रैली 10 अक्टूबर को की थी

Madhya Pradesh Elections: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) करीब एक महीने बाद आगामी 9 नवंबर को दोबारा मध्य प्रदेश आ रहे हैं। वह अपनी पार्टी के चुनावी अभियान को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने चुनावी बिगुल बजने के बाद राजस्थान का भी अभी तक दौरा नहीं किया है। फिलहाल वह केदारनाथ की धार्मिक यात्रा पर हैं। हालांकि उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस दौरान मध्य प्रदेश में बखूबी मोर्चा संभाला हुआ है। सोमवार को प्रियंका ने इंदौर में मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बिना अकेले रैली की और वह लगातार धुआंधार प्रचार कर रही हैं। प्रियंका करीब एक घंटे की देरी से रैली में पहुंची थी, लेकिन हजारों की संख्या में महिला समर्थक उनका धैर्यपूर्वक इंतजार कर रही थी।

हालांकि स्टेज के सामने पहली पंक्ति में पुरुषों की बेवहज भारी भीड़ जमा थी, जिसके चलते कई महिला समर्थक शायद ही प्रियंका को स्टेज पर देख पाई हों। हालांकि प्रियंका की आवाज सुनकर ही महिला समर्थक काफी खुश थीं और कहा कि प्रियंका की बातें उनके अंदर आत्मविश्वास जगाती है।

प्रियंका ने अपने भाषण की शुरुआत 'महाकाल' का नाम लेकर किया और महिलाओं को उनका इंतजार करने के लिए आभार जताया। एक महिला ने कहा, "वो महिला हैं और महिलाओं का दर्द समझती हैं ... मामाजी का टाइम खत्म।"


इस बीच प्रियंका ने मंच से अपनी पार्टी की महिलाओं के लिए 'चुनावी गारंटी' का जोर-शोर से वकालत किया। इन गारंटी में मुख्य रूप से महिलाओं के लिए 1,500 रुपये प्रति माह की सहायता, जन्म से लेकर शादी तक लड़की के लिए कुल 3.5 लाख रुपये के भुगतान वाली एक नई योजना, सस्ती बिजली, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर और स्कूली बच्चों के लिए 500 रुपये से लेकर 1,500 रुपये की मासिक सहायता शामिल है।

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प्रियंका ने रैली में कहा, “भाजपा वाले अब कह रहे हैं कि वे 450 रुपये में सिलेंडर देंगे। चुनाव के आखिरी दो महीनों में आकर उन्हें याद आई है। वे अब क्यों जागे? क्या किसी को 450 रुपये का सिलेंडर मिला है?” प्रियंका की इस बात महिलाओं ताली के साथ सहमति जताती हैं।

कुछ महिला मतदाताओं का कहना है कि उनके प्रियंका का चुनाव-प्रचार करना पसंद है और वे उन्हें दीदी कहती हैं। महिला समर्थकों का कहना है, "जब राहुल गांधी यहां थे, तो वो भी हम महिला मतदाताओं से मुलाकात की। इसलिए हमें भाई-बहन की जोड़ी पसंद है।" महिला वोटर्स को फोकस करके किया गया उनका चुनावी अभियान हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हुआ, जहां पार्टी को जीत मिली थी।

इंदौर में प्रियकां गांधी के भाषण पर सबसे ज्यादा तालियां उस वक्त बजीं, जब उन्होंने पीएम मोदी पर हमला किया। प्रियंका ने कहा, "मोदी जी ने कहा कि कांग्रेस का खून खराब है। मैंने सोचा मोदी जी ने पैथ लैब कब से खोल लिया और ब्लड टेस्ट कराने लगे।” प्रियंका ने यह भी बताया कि विराट कोहली के शतक की तरह प्याज की कीमतें भी 100 रुपये के पार पहुंच गई हैं।

हालांकि रैली में आए कुछ पुरुषों ने इस पर हैरानी जताई कि राहुल गांधी ने इस बार मध्य प्रदेश में अभी तक ज्यादा प्रचार नहीं किया है। पुरुष समर्थकों के एक समूह का कहना था, "हमने सुना है कि वह इस सप्ताह के अंत में मध्य प्रदेश आ रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा जब इंदौर से गुजरी तो उन्हें काफी समर्थन मिला। हमें उम्मीद है कि वह दमखम से चुनाव प्रचार करेंगे। वैसे भी इस बार कई चुनाव हैं। प्रियंका ने राहुल की अनुपस्थिति की अच्छे से भरपाई की है।"

भारत जोड़ो यात्रा से प्रेरणा लेते हुए राहुल गांधी मध्य प्रदेश में 9 से 14 नवंबर के बीच पदयात्रा करेंगे और पार्टी ने राज्य में उनके 7-8 कार्यक्रम तय किए हैं। हालांकि उन्हें आने तक प्रियंका गांधी ने ही मोर्चा संभाला हुआ है।

राहुल ने मध्य प्रदेश में आखिरी रैली 10 अक्टूबर को की थी। बीजेपी भी यह पूछ रही है कि राहुल गांधी करीब एक महीने से मध्य प्रदेश में क्यों नहीं आए और क्या कमलनाथ उनकी जगह प्रियंका के चेहरे पर ज्यादा भरोसा है?

राहुल गांधी ने तेलंगाना और मिजोरम के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी काफी प्रचार किया है। हालांकि मध्य प्रदेश और राजस्थान के प्रचार से वह काफी हद तक गायब रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि राहुल इस समय ओबीसी प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठा रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में उनका मुद्दा अब तक काम नहीं कर पाया है क्योंकि राज्य में भाजपा के पिछले तीन मुख्यमंत्री ओबीसी रहे हैं - उमा भारती, बाबू लाल गौर और शिवराज सिंह चौहान।

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First Published: Nov 07, 2023 7:05 PM

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