'हम सत्ता में आए तो मस्जिदों से सभी लाउडस्पीकर हटा देंगे', महाराष्ट्र चुनाव में राज ठाकरे का धर्म वाला दांव!
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धर्म का सहारा लेते हुए एक चुनावी रैली में मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों का मुद्दा फिर उठाया। उन्होंने जनसभा में ऐलान किया कि सत्ता में आने पर वह मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवा देंगे। MNS नेता ने कहा कि उन्होने मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे के कार्यकाल के दौरान मस्जिद के लाउडस्पीकरों को जबरन हटा दिया था
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर सिंगल फेज में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा
Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमरावती के एक चुनावी रैली में मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों का मुद्दा फिर उठाया। उन्होंने जनसभा में ऐलान किया कि सत्ता में आने पर वह मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवा देंगे। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होने हैं और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। ठाकरे ने कहा कि उन्होने मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे के कार्यकाल के दौरान मस्जिद के लाउडस्पीकरों को जबरन हटा दिया था। उनके मुताबिक, इसके कारण उनके समर्थकों के खिलाफ 17,000 मामले दर्ज किए गए थे।
इंडिया टीवी के मुताबिक फायरब्रांड नेता ठाकरे ने कहा, ''मुझे सत्ता दो, और मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि महाराष्ट्र में किसी भी मस्जिद पर एक भी लाउडस्पीकर न हो।'' उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ मुस्लिम नेता मस्जिदों से फतवा जारी कर महा विकास अघाड़ी (MVA) के लिए वोट मांग रहे हैं।
ठाकरे ने यह भी दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे के कार्यकाल के दौरान मस्जिदों के लाउडस्पीकरों को हटाने के लिए मजबूर किया था, जिसके कारण उनके समर्थकों के खिलाफ 17,000 मामले दर्ज किए गए थे।
शरद पवार पर साधा निशाना
राज ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार की आलोचना करते हुए उन पर राज्य के अन्य हिस्सों की उपेक्षा करने और कई बार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद केवल बारामती के विकास पर ध्यान केंद्रित करने का आरोप लगाया। राज ठाकरे ने लातूर जिले के रेनापुर में मनसे उम्मीदवार संतोष नागरगोजे (लातूर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र) के समर्थन में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पवार ने राज्य के मराठवाड़ा या विदर्भ क्षेत्रों में ऐसा करने के बारे में सोचने के बजाय केवल पुणे जिले के गृह तालुका बारामती में उद्योग स्थापित किए।
उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और युवा नौकरी की तलाश में दूसरे शहरों में जा रहे हैं। लेकिन इन प्रमुख मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए दल जाति और आरक्षण से जुड़े मुद्दों को उछाल रहे हैं। ठाकरे ने आरोप लगाया, "शरद पवार ने 40 वर्षों से अधिक समय तक राजनीति में रहने और बारामती में कई उद्योग लाने के बावजूद कभी महाराष्ट्र के व्यापक हितों के बारे में नहीं सोचा।"
मनसे प्रमुख ने कहा कि इतने सारे अवसर मिलने पर भी व्यक्ति केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र के बारे में ही सोचता है। उन्होंने सवाल किया, "उन्हें (पवार को) महाराष्ट्र का नेता कैसे कहा जा सकता है? वह एक तालुका के नेता हैं।" ठाकरे ने आरोप लगाया कि मराठवाड़ा के लोग हिंदुत्व विचारधारा के अनुयायी थे। लेकिन 1999 में NCP अस्तित्व में आई और शरद पवार ने जाति की राजनीति शुरू कर दी।
उन्होंने कहा, "किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। युवा खेती-किसानी की ओर नहीं जा रहे हैं, विश्वविद्यालय बेकार साबित हो रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ गए हैं। महाराष्ट्र में ऐसा कभी नहीं था।" ठाकरे ने कहा कि लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए जाति और आरक्षण के मुद्दे को उछाला जा रहा है।
आरक्षण पर सभी को लपेटा
ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री सहित विभिन्न पदों पर रह चुके शिवराज पाटिल चाकुरकर सहित लातूर के नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्होंने जिले के विकास की उपेक्षा की। उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा के युवा नौकरी के लिए पुणे और मुंबई की ओर जा रहे हैं, जो शर्मनाक है। ठाकरे ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर कहा, "वर्ष 2000 के आसपास आरक्षण की मांग को लेकर रैली निकाली गई थी। उस समय शिवसेना, NCP, BJP और कांग्रेस के नेताओं ने आंदोलनकारियों से मुलाकात की थी और उन्हें आरक्षण देने का वादा किया था। फिर सत्ता में होने के बावजूद उन्हें आरक्षण देने से किसने रोका था?"
MNS अध्यक्ष ने कहा, "हाल ही में भी विरोध रैलियां निकाली गईं। लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए सवाल बना हुआ है कि यह आरक्षण कैसे दिया जा सकता है। सच्चाई यह है कि यह नहीं दिया जा सकता क्योंकि इसके लिए कानूनों में बदलाव करना होगा।" उन्होंने कहा कि अब, लोगों को उनसे पूछना चाहिए जो कहते हैं कि वे आरक्षण देंगे, यह कैसे दिया जा सकता है?
ठाकरे ने कहा, "हाल ही में, मैं कुछ मराठा समुदाय के युवाओं से मिला जो अपने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे थे। मैंने उनसे कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के पास कोई नौकरी नहीं बची है, इसलिए वे आपको आरक्षण कैसे देंगे।"
उन्होंने कहा, "एकजुट रहने के बजाय हम दूसरे समुदायों के लोगों के प्रति नफरत पाल रहे हैं। यहां मुद्दे नौकरियां और शिक्षा हैं, जो हर किसी को मिलनी चाहिए... अगर लोग राज्य की बागडोर मुझे सौंपते हैं, तो राज्य में एक भी युवा बेरोजगार नहीं रहेगा।"